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युग करवट संवाददाता
गाजियाबाद। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार देर शाम भाजपा के विधायक पर किसानों को धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक यूपी गेट पर आए थे और किसानों को वापस अपने घर नहीं जाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। टिकैत के इस बयान और मीडिया कैमरों के सामने रोने से पुलिस प्रशासन के सारे किए कराये पर पानी फिर गया।
देर रात एक बजे पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स को किसानों को राष्टï्रीय राजमार्ग से हटाये बिना ही लौटना पड़ा। टिकैत के इस आरोप के बाद आज भाजपा के विधायक नंदकिशोर गुर्जर और साहिबाबाद के विधायक प्रेसवार्ता करने वाले थे। इसकी सूचना मीडिया को दी गई थी। भाजपा महानगर कार्यालय पर होने वाली प्रेसवार्ता को अचानक अपरिहार्य कारणों से आगे बढ़ा दिया गया। अब यह प्रेसवार्ता दोपहर बाद होनी है। वहीं किसान आंदोलन के विरोध में ३१ जनवरी को लोनी में होने वाली महापंचायत को भी रद्द कर दिया गया।
इस महापंचायत को लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर के संगठन ‘अजगर सेनाÓ के बैनरतले आयोजित किया जाना था, लेकिन ऐन मौके पर इस पंचायत को भी रद्द कर दिया गया। भाजपा खेमे में इस बात की जबरदस्त चर्चा है कि लखनऊ से निर्देश आने के बाद प्रेसवार्ता और महापंचायत रद्द कर दी गई। सूत्रों का कहना है कि कल की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर से बेहद खफा हैं। प्रशासन ने भाकियू के प्रवक्ता को धरना खत्म करने के लिए लगभग मना लिया था। इस बात का जिक्र राकेश टिकैत ने खुद अपने बयान में भी किया था। उन्हों्रने कहा कि प्रशासन अगर उनके साथी किसानों को सकुशल और सुरक्षित घर जाने की व्यवस्था करे तो वे धरना खत्म करने को राजी हैं। तभी अचानक यह खबर आई कि लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर यूपी गेट पहुंच गये। उनका वीडियो भी वायरल हो गया। कई चैनलों में वीडियो दिखाया गया। इसके बाद ही स्थिति बदल गई। राकेश टिकैत की ओर से विधायक पर धमकी देने का आरोप लगाने से तस्वीर बदल गई। हालांकि पुलिस प्रशासन के कहने के बाद विधायक नंदकिशोर गुर्जर वहां से चले गये, लेकिन तबतक सबकुछ बदल गया। भाजपा नेतृत्व भी विधायक से नाराज है।