गाजियाबाद (युग करवट)। अवस्थापना निधि के पैसे को लेकर हाईकोर्ट में 28 मार्च को सुनवाई है। इससे पहले ही गाजियाबाद नगर निगम को यूपी सरकार ने 33 करोड़ रुपये पैसा रिलीज कर दिया, लेकिन कंडिशन है कि यह पैसा 31 मार्च तक खर्च करना है। वहीं निवर्तमान पार्षद हिमांशु मित्तल का कहना है कि यह कंडिशन गलत है और इस बारे में वह सुनवाई के दौरान कोर्ट को भी अवगत कराएंगे। अवस्थाना निधि का पैसा शासन से रिलीज कराने के लिए ही निवर्तमान पार्षद हिमांशु मित्तल की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान शासन से कोर्ट ने कहा था कि वह बताए कि अवस्थापना निधि का पैसा रिलीज करेगी या नहीं। अचानक से यूपी सरकार के निकाय निदेशक नेहा शर्मा की और से प्रदेश के सभी निकायो के लिए करीब 300 करोड़ रुपये रिलीज किया गया है।गाजियाबाद नगर निगम को भी इसमें से 33 करोड़ रुपये मिला है।
पैसा मिलने की खुशी से अधिक इसको लेकर अब निगम के अधिकारी टेंशन में है। दरअसल निकाय निदेशक नेहा शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि जो पैसा निकायो को दिया जा रहा है वह किसी भी सूरत में 31 मार्च तक खर्च करे। यानी इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र किसी भी सूरत में 31 मार्च तक शासन के पास भेजे, नहीं तो पैसा वापिस करना होगा। निगम के एक अधिकारी का कहना है कि यह पैसा 18 मार्च को रिलीज किया गया, 13 दिनों के अंदर कहां यह पैसा यूज करे। इतने दिन में तो पैसा यूज करने के लिए विकास कार्य कराने के लिए टेंडर छोडऩे की प्रक्रिया भी पूरी नहीं होगी।