महिला आरक्षण पर मोदी सरकार का बड़ा दाव
नई दिल्ली (युग करवट)। महिला आरक्षण को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस बिल में 180 सीटों पर दो-दो सांसद चुने जाने का प्रस्ताव दिया है यानी इन सीटों पर महिला सांसद के साथ-साथ एक अन्य सांसद भी होगा। सूत्रों के मुताबिक, महिला आरक्षण चक्रीय आधार पर होगा यानी एक चुनाव में एक तिहाई सीट और उसके बाद दूसरी सीटें यानी यही क्रम जारी रहेगा। शुरुआत में लोकसभा की 180 सीटों पर दोहरी सदस्यता होगी। इनमें एससी एसटी की एक तिहाई सीटें समुदायों के सदस्यों के लिए आरक्षित होंगी। 2027 में परिसीमन के बाद सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी और उसके बाद एकल सदस्यता लागू कर दिया जाएगा। अभी अनुसूचित जाति के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं। करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अब संसद के पटल पर आएगा। आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं। बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है। इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने हमेशा इसका समर्थन किया।