नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। इस बार २७ फरवरी से होलाष्टïक आरंभ हो रहे हैं। इस वर्ष नौ दिन तक होलाष्टïक रहेंगे, यानि इन नौ दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। पंडित शिवशंकर पंडित ने बताया कि विष्णु भक्त को मारने का हिरण्यकश्यप ने बार-बार प्रयास किया था। होली के दिन होलिका ने प्रहलाद को मारने के लिए अग्नि प्रवेश किया, लेकिन तब भी प्रहलाद बच गये। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक विष्णु भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप ने तरह-तरह की यातनाएं दी थीं जिस कारण इन आठ दिनों में किसी भी शुभ कार्य के लिए वर्जित कर दिया गया। इस पौराणिक आख्यान के साथ-साथ होली के आसपास मौसम में परिवर्तन होता है और हर मनुष्य के अंदर थोड़ा-थोड़ा आलस्य, प्रमाद की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए इन दिनों में किए गए शुभ कार्य फलीभूत नहीं होते हैं। वैसे भी कोई भी शुभ कार्य, पूजा पाठ करने के लिए शरीर का ऊर्जावान होना बहुत आवश्यक है। यदि शरीर में आलस्यबढ़ जाएगा तो विविध प्रकार की पूजा, अनुष्ठान अपना पूर्ण फल नहीं देंगे। यही कारण है कि होली से 8 दिन पहले होलाष्टक में 16 संस्कारों से संबंधित कोई भी शुभ कार्य नहीं होता हैं। धार्मिक आयोजन और नैमित्तिक पूजा-पाठ व जाप भी इन दिनों वर्जित होते हैं। किंतु इन दिनों दान, पुण्य, गरीबों के सेवा व असहाय लोगों को भोजन कराना बहुत शुभ माना गया है। पंडित शिवशंकर के मुताबिक इस बार 27 फरवरी से 7 मार्च तक होलाष्टक रहेंगे। होलाष्टक 8 दिन के होते हैं। होली दहन के साथ ही होलाष्टक समाप्त हो जाते हैं, लेकिन इस बार एकादशी तिथि वृद्धि अर्थात् एकादशी दो दिन रहेगी। इसलिए इस बार होलाष्टक आठ दिन के स्थान पर नौ दिन के होंगे।