नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए जिला सेवायोजन विभाग द्वारा दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कोसो दूर है। हर महीने दो रोजगार मेलों का आयोजन किया गया जिनमें महज दो हजार युवाओं को ही रोजगार मिल सका, वह भी सामान्य पैकेज पर ही मिला।
जिले में एक अप्रैल २०२२ से एक जनवरी २०२३ तक २३ रोजगार मेलों का आयोजन किया गया था। औसतन हर महीने दो रोजगार मेले लगाए गए जिनमें हजारों बेरोजगारों को रोजगार के लिए बुलाया गया। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे युवा मौजूद थे जिन्हें कौशल विकास मिशन योजना के तहत प्रशिक्षण भी दिया गया था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में इन युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं हो सका। हालांकि, इन रोजगार मेलों का प्रचार-प्रसार खूब किया गया। नामी कंपनियों के प्रतिनिधि भी यहां साक्षात्कार के लिए पहुंचे, लेकिन बात जब रोजगार की आई तो चंद लोगों को ही रोजगार मिल सका। २३ रोजगार मेले में पांच हजार ३१२ लोगों ने पंजीकरण कराया था जिसमें से महज दो हजार १४७ को ही नौकरी मिल सकी। बाकी के तीन हजार १६५ युवा इन्टरव्यू देने के बाद भी बेरोजगार ही रह गए। आगामी दिनों में फिर से रोजगार मेले लगाए जाएंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा या नहीं? या ये रोजगार मेले सिर्फ औपचारिकता भर रह गए हैं जहां पंजीकरण तो बड़े पैमाने पर होते हैं, लेकिन अधिकारी रोजगार दिलाने की मशक्कत नहीं कर रहे हैं।