१२ साल पहले डॉक्टर को घायल कर लूटने वाला २५ हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार
४ अप्रैल २०१२ को नीतिखंड में डॉक्टर के घर की थी २० लाख की लूट
वारदातों को अंजाम देने के बाद गैंग भाग जाता था गुना प्रमुख अपराध संवाददाता गाजियाबाद (युग करवट)। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुल रहमान सिदï्दीकी की टीम को एक बड़ी सफलता उस समय हाथ लगी जब उन्होंने इंदिरापुरम थाने के एसएचओ देवपाल सिंह पुंडीर की टीम के साथ मिलकर कच्चा-बनियान गिरोह के एक ऐसे शातिर एवं २५ हजार के इनामी लुटेरे वीरू उर्फ वीरा निवासी गुना मध्य प्रदेश को मुखबिर की सूचना पर दबोच लिया, जो एक खूनी लूट के संगीन आपराधिक मामले में पिछले १२-१३ वषों से पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिये पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुल रहमान सिदï्दीकी को लगाया था। सीपी का निर्देश मिलते ही क्राइम ब्रांच टीम ने वीरू को पकडऩे के लिये जाल बिछा दिया था। सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि वीरू और उसके साथी गाजियाबाद में किसी वारदात को अंजाम देने वाले हैं। उसके बाद क्राइम ब्रांच प्रभारी की टीम ने बताये गये स्थान पर चेकिंग शुरू करके इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार ४ अप्रैल २०१२ को कच्छा-बनियान गिरोह, जो पारदी जनजाति से आता है, ने इंदिरापुरम थाना क्षेत्र की नीतिखंड कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर सतवीर सिंह की कोठी में खूनी लूट को अंजाम देते हुए वहां से पंद्रह-बीस लाख का माल व कैश लूट लिया था। साथ ही लूट का विरोध होने पर बदमाशों ने चिकित्सक व उसके परिजनों पर तमंचों की बटों व अन्य हथियारों से प्रहार करके उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसके बाद वीरू अपने साथी लुटेरों के साथ फरार हो गया था। पुलिस की माने तो इस गैंग के सदस्य जहां के रहने वाले हैं वहां पर उन्हें पकडऩा पुलिस की लिये टेड़ी खीर है। यह गैंग पूरे भारतवर्ष यानि साउथ से लेकर नॉर्थ और ईस्ट से लेकर वेस्ट तक के सूबों में लूट, डकैती व चोरी की वारदातों को अंजाम देता है और बाद में गैंग के अपराधी अपने सुरक्षित शरणस्थली पर पहुंच जाते हैं। उसके बाद कुछ समय तक शांत रहने के बाद वे फिर से शिकार की तलाश में लग जाते हैं। पुलिस के अनुसार यह गैंग लूट का विरोध होने पर किसी की जान लेने से भी नहीं हिचकता है। इस गैंग में दर्जनों अपराधी शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह गैंग कई सूबों में सैंकड़ों संगीन वारदातों को अंजाम देकर पुलिस के लिये सिर दर्द व आमजन के लिये आतंक का प्राय बन गया था।