हापुड़ (युग करवट)। गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मध्य गंग नहर झड़ीना रोड स्थित जंगल सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में खेतों में 20 से अधिक बंदर मरे मिले। बंदरों के मुंह से झाग निकल रहे थे। इससे बंदरों को जहर दिए जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इसकी पुष्टि पीएम के बाद ही हो सकेगी।
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की और बंदरों के शवों को पीएम के लिए भेजा। झडीना रोड स्थित जंगल मे खाली पड़े खेतों में 20 बंदर मरे हुए पड़े थे। ग्रामीणों की नजर पड़ी तो वहां भीड़ लग गई। कई बंदर अद्र्धबेहोशी की हालत में दम तोडऩे की स्थिति में थे, मरे हुए और अद्र्धबेहोशी की हालत में तड़प रहे बंदरों के मुंह से झाग निकल रहे थे। इससे लग रहा था कि बंदरों को किसी ने जहर दे दिया है। हालांकि मौके से मौत की वजह की पुष्टि नहीं हो सकी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मृत बंदरों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सोमवार को जंगल में बंदरों की मौत की सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए, जहां उन्होंने देखा कि मृत बंदरों के पास एक प्लास्टिक के कट्टे के ऊपर गुड़ रखा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि मौके पर मिले गुड़ में किसी ने जहर मिलाकर बंदरों को दिया है जिससे उनकी मौत हो गई है। बजरंग दल के कार्यकर्ता अंकुर सोनी, जितेंद्र बजरंगी, राहुल शर्मा, प्रभात चौधरी आदि बंदरों की मौत की खबर पाते ही गांव पहुंच गए। उन्होंने पुलिस से कहा कि बेजुबान वानरों की मौत की जांच की जाए और जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। रेंजर करन सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर वह खुद वन विभाग की टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन की। प्रथम दृष्टया बंदरों को जहर दिये जाने की बात सामने आ रही है। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। जांच पड़ताल के लिए विभागीय टीमों को लगा दिया गया है।