प्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)दिल्ली-गाजिय़ाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में भूमिगत सेक्शन में टनलिंग का कार्य पूरा कर एनसीआरटीसी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। भैंसाली से बेगमपुल के बीच निर्मित इस छठी और आखिरी टनल का निर्माण कर रही टनल बोरिंग मशीन निर्मित रीट्रिविंग शाफ्ट से बाहर निकली।
आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ के भूमिगत सेक्शन में तीन स्टेशन हैं। मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल। इन तीनों स्टेशनों को आपस में जोडऩे के लिए तीन भाग में कुल छह टनलों का निर्माण किया गया है। भैंसाली और बेगमपुल को जोडऩे वाली यह छठी और आखिरी टनल लगभग एक किलोमीटर लंबी है। मेरठ में लगभग 5.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में आने और जाने के लिए तीन समानांतर टनलों को महज 15 महीने के समय में पूरा कर लिया गया है। मेरठ की पहली टनल का निर्माण अक्टूबर 2022 में पूरा कर लिया गया था, और अब जुलाई 2023 में छठी टनल के पूर्ण होने के साथ ही मेरठ में टनलिंग का कार्य पूरा हो गया है। इस सेक्शन में निर्मित टनलें शहर के बहुत घनी आबादी वाले इलाकों को पार करते हुए, बेगमपुल नाले के नीचे से गुजरते हुए बेगमपुल स्टेशन पहुची हैं। सुदर्शन 8.2 टीबीएम द्वारा नाले को पार करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया और टनल विशेषज्ञों द्वारा अत्यधिक सावधानी बरती गई। इस सेक्शन में 600 मीटर रेडियस का एक बहुत ही तीखा मोड़ भी था, जहां टीबीएम द्वारा टनलिंग करना एक कठिन काम था। एनसीआरटीसी 23 किलोमीटर के क्षेत्र में 13 स्टेशनों के साथ, आरआरटीएस कॉरिडोर पर ही स्थानीय मेट्रो की सुविधा प्रदान करने की पहल कर रहा है। इस पूरे कॉरिडोर को 2025 तक जनता के लिए संचालित करने का लक्ष्य है।