प्रमुख अपराध संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। अगर पुलिस व न्यायालाय का सामजंस सटीक बैठ जाए तो अभियुक्त को उस के मुकाम तक पहुचंाने में देरी नहीं लगती है। पुलिस व कोर्ट के उचित तालमेल की वजह से एक अबोध बच्ची के साथ हैवानियत करने के बाद उसकी हत्या करने वाले अभियुक्त को फांसी की सजा मिलने में देरी नहीं हुई। जानकारी के अनुसार आज पॉस्को कोर्ट ने 1 दिसंबर 2022 को साहिबाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत न्यू करहेड़ा कॉलोनी सिटी फॉरोस्ट के पीछे रहने वाली अबोध बच्ची के साथ न केवल हैवानियत हुई थी, बल्कि उसकी हत्या भी कर दी गई थी।
उक्त वारदात के सूचना मिलते ही साहिबाबाद थाना पुलिस ने न केवल तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली थी, बल्कि 6 दिसंबर को नंदग्राम निवासी सोनी गुप्ता नामक युवक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। अदालत द्वारा त्वरित स्तर पर दिए गए ऐतिहासिक फैसले की सरहाना करते हुए डीसीपी ट्रांसहिंडन डॉ. दीक्षा शर्मा ने बताया कि उक्त वारदात को गंभीरता से लेते हुए विवेचक ने न केवल भौतिक एवं वैज्ञानिक तरीके ठोस साक्ष्यों एवं गवाहों का संकलन कर लिया बल्कि 15 दिसंबर को अदालत के सामने चार्जशीट भी प्रस्तुत कर दी।
उसके बाद कोर्ट ने साक्ष्यों एवं गवाहों के अलावा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद चार्जशीट जमा करने के एक पखवाड़े के अंदर ही अभियुक्त सोनू गुप्ता को फांसी की सजा सुना दी। मामला साहिबाबाद थाना क्षेत्र का है। घटना दिनांक 1 दिसंबर 2022 की है। विशेष लोक अभियोजक संजीव बखारवा ने बताया मुकदमा पीडि़ता के पिता ने लिखवाया था। एक दिसंबर को बच्ची को उसकी दादी लगभग दोपहर 1.00 बजे स्कूल से लेकर आई थी,परिवार के लोग घर के अंदर खाना खा रहे थे। बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। मामले में कुल 16 गवाह पेश किए गए। मामले में बहुत मशक्कत के बाद पुलिस द्वारा अभियुक्त सोनू गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। मामले की अंतिम सुनवाई पोक्सो कोर्ट अदालत में हुई। सोनू गुप्ता को सजा दिलाने में पुलिस द्वारा दिए गए साक्ष्य अहम रहे। अदालत में सोनू गुप्ता की सजा पर सुनवाई के लिए मृतक मासूम बच्ची का पूरा परिवार मौजूद था। पीडि़ता के पिता, मां और दादी अदालत से सोनू गुप्ता के लिए फांसी की गुहार लगा रहे थे। अदालत में पीडि़ता की मां फूट-फूटकर रो रही थी, वहीं पीडि़ता की 3 साल की छोटी बहन अदालत में अपनी बहन को ढूंढ रही थी, जिसे कितना भी समझाने पर विश्वास नहीं था कि उसकी बहन अब इस दुनिया में नहीं रही। इसके साथ-साथ कई अन्य सजा भी मुजरिम को सुनाई गईं।