नई दिल्ली (युग करवट)। सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला द्वारा अपने ससुराल वालों के खिलाफ दायर दहेज उत्पीडऩ के मामले को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह स्पष्ट रूप से प्रतिशोध लेना चाहती थी और आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की अनुमति देने से स्पष्ट रूप से अन्याय होगा। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता को देखते हुए यह सुविचारित राय है कि अपने ससुराल वालों के खिलाफ महिला के आरोप पूरी तरह से असंतोषजनक हैं और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।