आज की सियासत में सबसे बड़ा जो बदलाव आया है वो भी कम चौंकाने वाला नहीं है। अब सियासत में किस नेता से फायदा है और किससे नुकसान है, ये अहम हो गया है। भले ही अपने ही किसी नेता से कोई नुकसान की उम्मीद है तो उसके भी पर कतरने में देर नहीं की जाती। तीन दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सियासी हलकों में इस बात की चर्चा है कि न जाने अब किस नेता का नंबर लग जाए। सूत्रों की मानें तो ईडी, आईटी, सीबीआई सहित कई एजेंसियों के पास ऐसे ७५ नेताओं की फाइल तैयार है जिन्हें कभी भी तलब किया जा सकता है, गिरफ्तार किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि ये सब नेता बेदाग हों, ये भी दागदार हैं। अगर कहा जाए कि ‘हमाम में सभी नंगे हैं’ तो गलत नहीं होगा। इसी वजह से कभी भी किसी की गिरफ्तारी हो सकती है। शरद पंवार, राहुल गांधी, ममता बैनर्जी के भतीजे अभिषेक, हेमंत सोरेन, तेजस्वी इन सबसे पूछताछ हो चुकी है। हालांकि इन फाइलों में कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी फाइल थी, लेकिन वह भाजपा में आ गए हैं तो अब उनकी फाइल पर विचार होने की उम्मीद कम है। दरअसल भाजपा हाईकमान दक्षिण की तरफ भी नजर रख रही है, जहां तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई। इसी वजह से केरल में भी कई नेताओं की फाइल खुल गई हैं। आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना के सीएम की बेटी कविता की भी फाइल आबकारी नीति को लेकर खुल चुकी है। अब किसको कब तलब कराना है, ये बड़ा सवाल है। यदि लोकसभा चुनाव में इन नेताओं से भी नफा-नुकसान होगा तो फिर इनका नंबर भी आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही ईडी को लेकर अपना फैसला दे चुका है कि वो किसी को भी एक वर्ष तक हिरासत में रख सकता है। बहरहाल लोकसभा चुनाव से पहले कब किसका नंबर आ जाये, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसी स्थिति में लग रहा है कि मनीष सिसोदिया भी जल्दी बाहर आने वाले नहीं हैं। ‘आप’ के कई अन्य नेताओं पर भी गाज गिर सकती है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। जो भी हो राजनीतिक गलियारों में जो चर्चाएं चल रही हैं उस पर भरोसा किया जाये तो कई नेता काफी परेशान हैं और उनको लगता है कि कहीं अगला नंबर उनका तो नहीं होगा। – जय हिन्द।