नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा व दिल्ली संत महामंडल व अमर बालिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के तत्वाधान में गोविंदपुरम में दो दिवसीय सनातन कॉन्क्वेल का आयोजन किया गया। विधिवत रूप से मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहन्त स्वामी हरिगिरि महाराज और श्रीमहन्त स्वामी नारायण गिरी महाराज की अध्यक्षता में होने वाले सनातन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।
दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष व दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी ने कहा कि सनातन धर्म की आवाज सम्पूर्ण विश्व में पहुंचाने और सनातन धर्म के मूल सिद्घांतों को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही है उन्हें विफल करने की रणनीति तैयार की जा रही है। सनातन धर्म कोई सौ डेढ वर्ष पुराना नहीं है बल्कि आदिकाल से चला रहा हैं। ऐसे हजारों साक्ष्य हैं जो यह बताने के लिए काफी हैं कि सतानत धर्म सबसे पुराना है। देश के दक्षिण हिस्से में बने बने मंदिर हजारों साल पुराने हैं जो जांच में सिद्घ हो चुके हैं। ऐसे में आज जो सनातन धर्म को लेकर बरगलाने की नीति अपनाई जा रही है उसे विफल करना प्रमुख उद्देश्य है। श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा के महामंडलेश्वर व शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधिश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि अब सनातन धर्म के मानने वालों का धैर्य एकदम टूटने की कगार पर आ चुका है। हमारे धैर्य और सहनशीलता को हमारी कमजोरी मान लिया गया है। अब यह बताने का समय है कि हम अपने धर्म के लिये मर मिटने के लिये तैयार है। इसके लिये अब संत हिन्दू समाज को श्रीमद्भागवत गीता के मार्ग पर ले चलेंगे। इस दिशा में सनातन कॉन्क्लेव नींव का पत्थर साबित होगा।
कॉन्क्लेव के मुख्य वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तुफैल चतुर्वेदी, नीरज आत्रेय ने बताया कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए न्याय मंच मनाया गया है। सनातन धर्म को लेकर ऊंगली उठाने वाले यह जान दें कि वह किसी भ्रम में न रहे, सनातन धर्म आदि काल से रहा है और अनंत काल तक यही रहेगा। इस दौरान सनातन धर्म में जातिगत वैमनस्य को मिटाने पर भी विशेष चर्चा की गई। कार्यक्रम में दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री स्वामी नवलकिशोर दास, संगठन मंत्री स्वामी कंचनगिरी, महंत धीरेन्द्र पुरी, बालयोगी ज्ञाननाथ, यति सत्यादेवानंद गिरी, स्वामी सागर गिरी, महंत राघवेंद्र पूरी, स्वामी रामकिशन दास, यति रणविजयानंद गिरी, सत्यानंद सरस्वती, सेवा संस्थान के अक्षय त्यागी, मुकेश त्यागी, अक्षय त्यागी, नरेन्द्र त्यागी, अनिल यादव, मोहित बजरंगी, संजय त्यागी आदि मौजूद रहे।