नोएडा (युग करवट) साइबर अपराधियों ने संस्था का खाता हैक कर उसमें अलग-अलग व्यक्तियों से चार करोड़ रुपये डलवाए और कुछ मिनट बाद ही रकम निकाल ली। संबंधित बैंक के प्रबंधक की कॉल आने के बाद शिकायतकर्ता ने खाते के लेनदेन पर रोक लगवा दी। हालांकि तबतक खाते में महज दो लाख 80 हजार रुपये की रकम शेष बची थी। न्यायालय के आदेश पर साइबर क्राइम थाने की टीम ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। न्यायालय में दिए प्रार्थनापत्र में दनकौर के बिलासपुर निवासी होमनिधि ने बताया कि वह जन स्वयं सहायता चेरिटेबल वेलफेयर सोसायटी का सचिव है। संस्था का खाता बिलासपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में खुला है। संस्था के कोष और लेनदेन का संचालन रजनीश द्वारा किया जाता है। संस्था के खाते से संबंधित सभी जानकारी रजनीश के पास ही थी। आरोप है कि संस्था के खाते को 30 अप्रैल को अज्ञात व्यक्ति ने हैक कर लिया और अगले दिन सुबह दस बजे से पहले हैकर ने उसमें चार करोड़ रुपये अलग-अलग लोगों से जमा करवा दिए। जैसे-जैसे राशि जमा होती हैकर उसे निकाल लेता। एक मई को सुबह दस बजकर 45 मिनट पर संबंधित बैंक के प्रबंधक ने कॉल कर पैसे निकलने की जानकारी शिकायतकर्ता को दी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने खाते के लेनदेन पर रोक लगा दी। हालांकि तबतक खाते में सिर्फ दो लाख 80 रुपये बचे थे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दो मई को उसने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दी पर सुनवाई न होने पर उसे न्यायालय की शरण लेना पड़ा। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।