नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। लोनी के सुभानपुर बांध के पास से अब तक लगातार पानी आने से सौ मीटर से अधिक का कटान हो चुका है। यहां से निरंतर पानी लोनी और बागपत के गांवों की ओर बढ रहा है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि अगर आज शाम तक टूटे हुए तटबंध से बांध को ठीक नहीं किया गया तो पानी पूरे लोनी का जलमग्न कर देगा। बाढ़ के खतरे को देखते हुए गाजियाबाद, बागपत के अधिकारियों ने डेरा डाल रखा है और तटबंध को ठीक कराने का प्रयास किया जा रहा है।
बागपत और गाजियाबाद की सीमा के पास से सुभानपुर बांध का तटबंध टूटने से यमुना का पानी लगातार दोनों जिलों की सीमाओं में घुस रहा है। गाजियाबाद के आधा दर्जन गांवों में पानी अन्दर तक घुस गया है तो वहीं ट्रोनिका सिटी इंडस्ट्रियल एरिया, ट्रोनिका सिटी पुलिस चौकी और उसके आसपास पानी पहुंच गया है। पानी का बहाव लगातार जारी है। कल तटबंध टूटने के बाद से अधिकारी लगातार उसकी मरम्मत कराने में जुटे हैं, लेकिन कल से अब तक कटान का फैलाव सौ मीटर से भी अधिक चौड़ा हो गया है। हथिनी कुंड बैराज के १८ गेट बंद होने से जल स्तर कम जरूर हुआ है लेकिन तटबंध टूटने से यमुना नदी में भरा पानी लगातर दोनों जिलों में बढता जा रहा है। ऐसे में समय रहते तटबंध अगर नहीं बना तो लोनी जलमग्न हो जाएगी।
बनाए गए हैं सुरक्षित स्थान: डीएम
डीएम आरके सिंह ने बताया कि स्थिति को देखते हुए १८०० सौ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए पांच चिन्हित की गई हैं। लोनी पुश्ते के पास बडी संख्या में दिल्ली के लोग भी शरण लिए हुए हैं। जिन्हें लगातार खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। बांध किनारे बसे गांवों में पानी पहुंच गया है लेकिन पांच गांव सबसे अधिक संवदेनशील हैं। बाकी गांवों में स्थिति सामान्य है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि हथिनी कुंड से पानी बंद होने के बाद से जलस्तर कम हो रहा है, बस तट टूटने से क्षेत्र में पानी भर रहा है जिसे आज शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
क्षेत्र में किया गया पावर कट
लोनी में लगातार यमुना नदी का पानी आने से दर्जनों गांवों में पानी भर गया है। ट्रोनिका सिटी तक पानी आ गया है। इसके चलते क्षेत्र में बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई है। हालांकि अधिकारी बिजली कटौती से इंकार कर रहे हैं लेकिन प्रभावित गांवों से लेकर ट्रोनिका सिटी क्षेत्र में बिजली गुल है। इसकी वजह से लोगों के सामने पीने के पानी का भी संकट गहरा गया है।
जलस्तर घटा लेकिन खतरा बरकरार: एडीएम वित्त
वहीं अभियान के नोडल अधिकारी एडीएम फाइनेंस विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि बांध टूटने से ६५ फीसदी पानी बागपत और ३५ फीसदी पानी लोनी में घुस रहा है। पानी नौ गांवों तक पहुंच गया है जिसमें पांच गांवों में सबसे अधिक पानी है जहां के लोग पुश्ते पर शरण लिए हुए हैं। पांच सौ लोगों के खाने की व्यवस्था आज की गई है।
इन गांवों में हैं सबसे अधिक खतरा
नौरसपुर, अल्लीपुर, लुत्फल्लापुर नवादा, बदरपुर, खानपुर जप्ती, हरमपुर, इलायचीपुर, पचायरा, मीरपुर, सुभानपुर गांव में बाढ का पानी पहुंच चुका है। इन गांवों के निवासियों ने दूसरी स्थानों पर शरण ले रखी है। प्रशासन ने बताया कि पांच गांवों में सबसे अधिक पानी भरा हुआ है लेकिन स्थिति नियंत्रण में हैं।
भूख प्यास से बेहाल हैं लोग
लोनी के गांवों में पानी भरने से हालात इस कदर बदतर हैं कि लोगों को खाने-पीने तक के लाले पड गए हैं। पीने के लिए साफ पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि प्रभावित लोगों के लिए रहने और खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है। पांच सौ लोगों के खाने के पैकेट प्रशासन द्वारा वितरित कराए जा रहे हैं तो वहीं ड्राई राशन भी कल लोगों को वितरित कराया गया था। हालांकि अपने घरों से बाहर रह रहे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड रहा है।