लखनऊ (युग करवट)। श्री अन्न का महत्व वैदिक काल से रहा है। भविष्य में भी जब दुनिया खाद्यान संकट का सामना करेगी तो श्री अन्न की उपयोगिता बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश श्री अन्न के उत्पादन का केंद्र बन सकता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्यस्तरीय श्री अन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला के शुभारंभ समारोह के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने इससे पहले तीन दिवसीय श्री अन्न महोत्सव का शुभारंभ करते हुए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए श्री अन्न उत्पादकों की ओर से लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल ने हमें बड़ा सबक दिया है, हम जितना कृत्रिम जीवन जीने का प्रयास करेंगे, महामारियां हमें उतना ही परेशान करेंगी। हमें प्राकृतिक वास और जीवनशैली को अपनाना होगा और उसमें श्री अन्न बहुत ही सहायक होगा। इसकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए शोध और अनुसंधान की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने समारोह के दौरान श्रीअन्न के क्षेत्र में कार्य करने वाले 35 कृषक उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया। इसके अलावा प्रदेश के पांच कृषि विज्ञान केंद्रों झांसी, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर और गाजीपुर को मिलेट्स प्रसंस्करण संयंत्र के लिए 95.95 लाख की सहायता प्रदान की गई। साथ ही जिन कृषक उत्पादक संगठनों ने अधिक से अधिक किसानों को मिलेट्स फार्मिंग के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया उन्हें भी मुख्यमंत्री ने समारोह के दौरान सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, यूपी कृषि अनुसंधान परिषद् के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, संजय अग्रवाल, डॉ.देवेश चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।