लोकसभा चुनाव-२०२४
लोकसभा चुनाव २०२४ को लेकर भाजपा हाईकमान ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पश्चिम की टॉप लोकसभा सीटों में गाजियाबाद और गौतमबुद्घनगर मानी जाती है। यहां पर उम्मीदवार का चयन भी बहुत ही सोच-समझकर किया जाता है। हालांकि पहले स्थानीय नेताओं को ही पार्टी तरजीह देती थी लेकिन एक दशक से तस्वीर बदली है और अब बाहर के उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमाते हैं। ऐसा नहीं है कि ये चलन भाजपा ने ही शुरू किया है। कांगे्रस ने भी कई साल पहले बाहरी उम्मीदवार के रूप में रीटा सिंह को मैदान में उतारा था लेकिन वो नहीं जीत पाई थी। बाहरी तौर पर एक बार केएन सिंह भी चुनाव लड़े थे। अब स्थानीय और बाहरी को लेकर इतने सवाल खड़े नहीं होते हैं क्योंकि भाजपा में यहां से कद्दावर नेता मैदान में उतारे। २००९ में लोगों के दिलों पर राज करने वाले राजनाथ सिंह को यहां से चुनाव लड़ाया और वो कामयाब हुए। आज भी गाजियाबाद के लोगों के दिलों में राजनाथ सिंह बसते हैं और राजनाथ सिंह के दिल में गाजियाबाद के लोगों के लिए बहुत प्यार है। इसके बाद २०१४ में एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा जो वास्तव में अपने आप में एक सेलेब्रिटी हैं। यानि देश के जनरल वीके सिंह को उतारा। २०१४ में देश में मोदी के बाद सबसे अधिक वोटों से वही जीते। २०१९ में भी वो बहुत ही अधिक वोटों दोबारा सांसद बनें। अब २०२४ में भी उन्हीं को लेकर चर्चा चल रही है। सवाल ये उठता है क्या वीके सिंह का कोई विकल्प है? फिलहाल तो लोगों से बातचीत की तो सभी का कहना है कि जनरल जैसा व्यक्तित्व नहीं मिल सकता है। जनरल वीके सिंह की वजह से गाजियाबाद की संसदीय सीट हमेशा सुर्खियों में रहती है। वैसे जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन जो तस्वीर दिखाई दे रही है उससे यही लगता है कि फिलहाल गाजियाबाद में वीके सिंह का कोई विकल्प नहीं है। कई लोग दावेदारी कर रहे हैं लेकिन पार्टी हाईकमान फिलहाल कोई खास अन्य नामों पर विचार नहीं कर रही है। यदि वीके सिंह को कोई और जिम्मेदारी दी जाती है तो भी बाहर से ही कोई सेलेब्रिटी गाजियाबाद में चुनाव लड़ सकता है। इसकी उम्मीद कम है क्योंकि जिस तरह वीके सिंह के प्रतिनिधि कुलदीप चौहान ने चुनावी बिसात बिछाई है और उनके लगातार एक-एक दिन में आठ-आठ प्रोग्राम लग रहे हैं इससे यही लगता है कि हाईकमान से कहीं न कहीं उन्हें चुनावी तैयारी करने का संकेत मिल गया है। जय हिंद