नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। बारिश के चलते २९ जनवरी को आधे से अधिक शहर में हुआ ब्लैक आउट गाजियाबाद के पॉवर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर मुकेश मित्तल के तबादले की वजह बन गया। उन्हें मेरठ मुख्यालय से अटैच किया गया है और उनकी जगह मुरादाबाद के चीफ इंजीनियर नीरज स्वरूप को यहां तैनात किया गया है।
बताया जा रहा है कि विद्युत सप्लाई की गलत रिपोर्ट भेजकर शासन को गुमराह करने के चलते यह कार्रवाई की गई है। बता दें कि रविवार को आधे से अधिक शहर में २४ घंटे तक लाइट गुल रही थी। कई क्षेत्रों में तो सुबह तक भी सप्लाई बहाल नहीं हो सकी। विद्युत कटौती को लेकर लोग लगातार बिजली अधिकारियों व मुख्य अभियंता को फोन कर रहे थे। इतना ही नहीं गाजियाबाद से भी सैंकड़ों लोगों ने ट्वीट कर विद्युत कटौती की जानकारी मुख्यायल को दी थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने उपभोक्ताओं के फोन तक उठाने जरूरी नहीं समझे।
हजारों लोग बिजली न होने से परेशान रहे, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों ने सप्लाई रिपोर्ट में ही खेल कर दिया। विभागीय सूत्रों की मानें तो २९ जनवरी से लेकर ३० जनवरी तक ट्रांसमिशन की ओर से सप्लाई २३ से २४ घंटे रही। यानि ट्रांसमिशन स्तर से कटौती नहीं की गई, लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन स्तर से लोगों को बिजली नहीं मिल सकी। अधिकारियों ने इसी रिपोर्ट में बड़ा खेल करते हुए ट्रांसमिशन की रिपोर्ट को ही शासन को भेज दिया। इसमे कहा कि गया उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली सप्लाई की गई कहीं कोई कटौती नहीं है, जबकि कटौती के सम्बंध में सैंकड़ों ट्वीट ऊर्जा मंत्री से लेकर सीएम तक को किए गए थे।
अधिकारियों के इस खेल पर शासन ने कल दोपहर बाद चीफ इंजीनियर मुकेश मित्तल का तबादला मेरठ कर दिया। बताया जा रहा है कि मुकेश मित्तल की शासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जनता से वह दूरी बनाकर रखते थे तो अधीनस्थ से भी उनका तालमेल खराब था जिसकी वजह से जिले में विद्युत सप्लाई को लेकर हालात लगातार बिगड़ रहे थे। ब्लैक आउट के दौरान खुद पीवीएनएल की एमडी वी चैत्रा रात भर मॉनीटिरिंग करती रहीं। सप्लाई बहाल कराने को लेकर वह खुद सब स्टेशनों का दौरा करती रहीं, लेकिन जिले के अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट भेजकर खानापूर्ति कर ली।