लखनऊ। विधान सभा की विशेषाधिकार समिति ने कानपुर में तैनात रहे क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद और पांच अन्य पुलिसकर्मियों को पूर्व विधायक सलिल विश्नोई की पिटाई के मामले में विशेषाधिकार हनन का दोषी पाया है। विश्नोई अभी भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधान सभा में शून्य प्रहर के दौरान विशेषाधिकार हनन के इस मामले में प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया कि विधान सभा के तत्कालीन सदस्य सलिल विश्नोई की ओर से 25 अक्टूबर, 2004 को अब्दुल समद और पांच अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना दी गई थी।
अब्दुल समद के साथ ही दोषी पाये गए पांच अन्य पुलिसकर्मियों में कानपुर के किदवईनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, थाना कोतवाली के तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिंह यादव और काकादेव थाने के तत्कलीन कांस्टेबल विनोद मिश्र व मेहरबान सिंह यादव शामिल हैं। अब्दुल समद बाद में दूसरी सेवा में आकर हाल ही में आइएएस से रिटायर हुए हैं जबकि पांच अन्य पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं। सदन से सर्वसम्मति से सभी पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई है। इस दौरान मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने आरोपियों की तरफ से माफी मांगने की बात कही तो विधानसभा में उनका विरोध हुआ।