युग करवट ब्यूरो
लखनऊ। लोकसभा की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी हर वर्ष दो विधायकों को उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार दिया जाएगा। इनमें एक पक्ष व दूसरे विपक्ष के विधायक होंगे। विधानसभा की नियम समिति ने पुरस्कार दिए जाने संबंधी नियमावली तैयार कर ली है। 22 बिंदुओं के मानदंड तय किए गए हैं।
इसी कसौटी पर खरा उतरने वाले विधायकों को यह पुरस्कार दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो उत्कृष्ट विधायकों का चयन करेगी। विधानसभा में नियम समिति के सदस्य राजेश त्रिपाठी ने उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार संबंधी विस्तृत नियमावली पेश कर दी। यह पुरस्कार किसी भी विधायक को विधानसभा के कार्यकाल में केवल एक बार ही दिया जाएगा।
अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अपने कार्यकाल के दौरान सभी पुरस्कारों के दायरे से बाहर रहेंगे। विधायक का सार्वजनिक जीवन में योगदान, प्रतिष्ठा और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भागीदारी, विधायक का अनुभव, वक्तव्य कौशल, जनहित के मुद्दों के बारे में जागरूकता, उठाए गए मुद्दों की प्रासंगिकता और उनकी गंभीरता, सदन में विषय का प्रस्तुतीकरण, भाषा में प्रवीणता, विधान सभा के नियमों और प्रक्रिया का ज्ञान और सदन के भीतर और बाहर नियमों और प्रक्रियाओं का पालन आदि देखा जाएगा। उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार के चयन के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। विधानसभा उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री अथवा उनके द्वारा नामित अन्य सदस्य, उप मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री, अध्यक्ष द्वारा नामित वरिष्ठ विधायक, अध्यक्ष द्वारा नामित एक वरिष्ठ पत्रकार समिति के सदस्य रहेंगे। प्रमुख सचिव विधान सभा इस समिति के सदस्य सचिव रहेंगे।