नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। गर्मी की दस्तक होते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। इस समय तेजी से मौसम बदल रहा है, तापमान भी अधिकतम २७ डिग्री व न्यूनतम १७ डिग्री तक पहुंच गया है। हर दिन मौसम मेें गर्माहट बढ़ती जा रही है जिसका सीधा असर लोगो की सेहत पर पड़ रहा है। आलम यह है कि बदलते मौसम की चपेट में अधिकतर लोग आ रहे हैं जिसमें स्किन से लेकर पेट दर्द, सीजनल बुखार, इन्फ्यूंजा से पीडि़त मरीजों की संख्या भी अच्छी खासी है। सामान्य दिनों में जहां मरीजों की संख्या दो से ढाई हजार रहती हैं, वहीं यह संख्या बढक़र साढ़े तीन हजार तक पहुंच गई है। सबसे अधिक भीड़ त्वचा रोग, फिजिशयन, बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में हैं। मौसम परिवर्तन सबसे अधिक असर सांस सम्बंधी समस्या से जूझ रहे मरीजों पर पड़ रहा है। न केवल बड़े, बल्कि बच्चे और बुजर्ग भी इसके चपेट में हैं। मौसम में बदलाव से त्वचा संबंधी रोगियों में भी वृद्घि हो रही है। इसके साथ ही सोरायसिस के मरीजों की परेशानी बढऩे लगी है। त्वचा संबंधी बीमारियों को लेकर लोग निजी और सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो त्वचा सम्बंधित सभी रोग शरीर के लिए नुकसानदेह हैं। इसमें फंगल इंफेक्शन व स्के्रबसिस भी शामिल हैं जो शरीर में चर्म रोग का रूप ले सकते हैं।
यह रोग मौसम में बदलाव, प्रदूूषण और सैनेटाइजर के ज्यादा प्रयोग समेत अन्य कारणों से भी हो सकता है, लेकिन इन बीमारियों को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इसके साथ ही जिन लोगों को सोरायसिस की दिक्कत होती है, बदलते मौसम में उनकी परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में यदि मरीज लापरवाही बरतें तो हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है। एमएमजी अस्पताल में ही त्वचा रोग के प्रतिदिन 250 से 300 मरीज रोजना पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं सांस सम्बंधी समस्या से जूझ रहे लोगों को मौसम का बदलाव बेदम कर रहा है। अधिक समय तक धूप में खड़ा रहना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। मौसम में गर्माहट के साथ ही सूरज की किरणों तेज होंगी जो कई बीमारियों का कारक बन सकती हैं। इतना ही नहीं फिजिशयन चिकित्सक की ओपीडी में वायरल बुखार, जुकाम व खांसी के मरीजों की अच्छी खासी संख्या है। बच्चों में बदलते मौसम का असर सबसे अधिक आता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाए।