मेरठ (युग करवट)। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इसके कारण हस्तिनापुर में नदी किनारे बसे 15 गांवों में बाढ़ आ गई। घरों में पानी पहुंच गया। मुख्य सडक़ें धंस गईं। कैंप लगाकर ग्रामीणों को राहत सामग्री दी जा रही है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की हैं। स्वयं सेवी संगठन और जिला प्रशासन की टीमें गांवों में अनाज, सब्जी, दवाएं पहुंचा रही हैं। बाढ़ का पानी गांव में घुसने से सडक़ों पर घुटनों तक पानी भर गया हैं। मुख्य सडक़ें तबाह हो गई हैं। कई गांवों में तो आने-जाने का रास्ता ही खत्म हो गया। कई जगहों पर पानी कमर से ऊपर आ चुका है। भारी संख्या में लोग अपने रिश्तेदारों के यहां जा चुके हैं। वहीं, फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। गंगा में पानी बढऩे के कारण तेजी से कटान भी बढ़ रहा है। कटान की वजह से गांवों में खतरा और बढ़ गया है। बता दें कि अभी 5 दिन पहले ही एक दो मंजिला भवन और 200 साल पुराना बरगद का पेड़ भी कटान में बह गया था। कटान शुरू होने से खतरा और भी बढ़ गया है। बच्चों को घर के बाहर खेलने से मना कर दिया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के अलावा स्वयं सेवी संगठन भी राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। राहत सामग्री, सब्जियां, अनाज, दवाएं और जरूरत का दूसरा सामान कश्तियों और ट्रैक्टरों के जरिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही है। लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए साफ मना किया है। वहीं, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों सभी को एक साथ एक जगह रहने की हिदायत दी जा रही है। ताकि सभी को एक साथ मदद पहुंचाई जा सके। लोगों को ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। घरों में भी छतों और ऊंचे स्थानों पर रहने को कहा जा रहा है। मेडिकल टीम ने गांवों में जाकर दवा का छिडक़ाव कराने के साथ ग्रामीणों को दवा दे रही है।