मेरठ (युग करवट)। सरधना का कपसाड़ गांव में एक महीने में बुखार से दो दर्जन से अधिक मौत हो चुकी हैं। शायद ही कोई घर बचा हो जिसमें बुखार का मरीज ना हो। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 7 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। आलम ये है कि लोगों को क्वारनटीन का डर सताने लगा है। लिहाजा अब लोग अपनी बीमारी भी छिपाने लगे हैं। वहीं एक गांव में बड़ी संख्या में हुई मौत ने स्वास्थ विभाग को भी सकते में डाल दिया है। खुद सीएचसी प्रभारी डॉक्टर संदीप गौतम गांव में कैंप किए हुए हैं और लगातार मरीजों की जांच करवा रहे हैं। दरअसल गांव में बुखार से मौत होने का सिलसिला लगभग डेढ़ महीने पहले शुरू हुआ था। बुखार से गांव में 45 वर्ष की सरोज देवी, 62 वर्ष के सतपाल शर्मा, 65 वर्ष के छिद्दा सिंह, 70 वर्ष की शारदा देवी, 80 वर्ष की सरला देवी, 55 वर्ष की सुनीता देवी और 70 वर्ष के सतपाल सिंह समेत कई लोगों की मौत हो चुकी हैं। गांव में कुछ घर तो ऐसे हैं जिनमें एक से ज्यादा लोगों को बुखार ने मौत की नींद सुला दिया। दस दिन पहले 80 वर्ष के सतपाल सिंह की मौत हुई थी, और उनकी तेरहवीं से पहले ही उनके 55 साल के बेटे सूरजपाल की भी मौत हो गई। बुखार ने युवाओं को भी नहीं छोड़ा। गांव में हुई 17 वर्षीय युवा मनीष की मौत के बाद ग्रामीण सकते में आ गए हैं। स्वास्थ विभाग ने दो दिन पहले दर्जन भर मरीजों की जांच कराई थी, जिनमें से 7 में डेंगू की पुष्टि हो गई है।