नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। शुक्रवार सुबह नौ बजे भूकम्प आने से आरडीसी स्थित गौर मॉल की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई जिसमें दर्जनों लोग फंस गए। घटना की जानकारी तत्काल लोगों ने प्रशासन के कंट्रोल रूम को दी। महज सात मिनट में ही एसडीएम विनय कुमार व एसएचओ कविनगर मौके पर पहुंचे। घटनास्थल के हालात को देखते हुए उन्होंने तत्काल रेस्क्यू टीमों को मौके पर बुलाया। सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची और वहां मौजूद लोगों को रेस्क्यू करना शुरू कर दिया। घटना के कुछ देर बाद एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला और इमारत में फंसे लोगों को बाहर निकाला। समय से रेस्क्यू किए जाने से कोई जनहानि नहीं हुई और हालात को संभाल लिया गया। यह सारा नजारा एक मॉकड्रिल का था।
शुक्रवार को भूकम्प आपदा पर बहुराज्जीय मॉकड्रिल का आयोजन किया गया था। इंग्राहम इंटर कॉलेज को कंट्रोल रूम बनाया गया था, जहां से रेस्क्यू टीमों को रवाना किया जा रहा था। सुबह नौ बजकर तीन मिनट पर कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि भूकम्प आने से गौर मॉल की इमारत में लोग फंस गए हैं। सबसे पहले मौके पर एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह और एसएचओ कविनगर ने पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उनकी सूचना पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग, सर्वोदया अस्पताल से डॉक्टर, पैरामेडिकल व एम्बुलेंस की टीमें रवाना हो गईं। मौके पर पुलिस और दमकल विभाग की टीमें भी पहुंची। नगर निगम व विद्युत विभाग की टीमें भी मौके पर थीं। मॉकड्रिल के दौरान इमारत में फंसे लोगों को किस तरह से सुरक्षित निकाला जाए, इसका प्रदर्शन किया गया। घटना के बाद एनडीआरएफ के ३२ जवानों की टीम ने अधिकारी विक्रम सिंह सैनी के नेतृत्व में मोर्चा संभाला। वे अपने साथ डॉग स्कवायड की टीम और तलाशी वाले यंत्र लेकर पहुंचे।
मॉडल के तौर पर एक लकड़ी से बनी एक दीवार को काटकर लोगों को निकालने का अभ्यास किया गया, तो वहीं आग लगने पर होने वाली कार्रवाई का प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान घटना स्थल पर मौजूद लोग अपने लोगों को इमारत से बाहर निकलने के लिए चीख पुकार मचाते रहे जिन्हें प्रशासन व सिविल डिफेंस के लोगों ने संभाला। नोडल अधिकारी व एडीएम वित्त विवेक श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया और जल निगम में बनाए गए रिलीफ कैंप पहुंचे। घायलों को शिवम अस्पताल भी भेजा गया। इसमें १०८ सेवा की आधा दर्जन एम्बुलेंस को लगाया गया। करीब डेढ़ घंटे तक मॉकड्रिल का सफलता पूर्वक अभ्यास किया गया।
इस दौरान मौके पर पहुंचे डीआर सिंह ने बताया कि मॉकड्रिल का मकसद सभी विभागों में समन्वय बनाना था। इस तरह की आपदा आने पर स्थिति को संभाला जा सके और लोगों को रेस्क्यू कर बचाया जा सके। इस दौरान एसीपी ट्रैफिक रवि कुमार सिंह, एसीपी क्राइम अजित रजक एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव, सीएफओ राहुल पाल, सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल, अनिल अग्रवाल, डीएसओ डॉ. आरके गुप्ता जिला आपूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा, पोस्ट वार्डन दीपक अग्रवाल, एनडीआरएफ के अरशद गाजी, संध्या त्यागी आदि विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।