कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर ऑफ गाजियाबाद अमित कुमार मिश्रा ने पहली बार किसी प्रतिनिधी मंडल से कोई अधिकारिक बैठक की। बैठक में व्यापारी और व्यापारियों के संगठन बुलाए गए थे। बैठक में पहुंचे हर व्यापारी के मन में अनेक सवाल थे, समस्याएं अनगिनत थीं। हालांकि ज्यादातर समस्याएं वही रहीं जो अमूमन हर अधिकारी के सामने रखी जाती रही हैं। लेकिन व्यापारियों की कुछ मांगें वाकई जायज हैं और उनका समाधान होना भी जरूरी है। सबसे बड़ा सवाल बाजारों में सुरक्षा का है, यातायात प्रबंधन का है, अतिक्रमण का है, पुलिसकर्मियों के व्यवहार का है, व्यापारियों और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय का है। सवाल व्यापारियों के स्टाफ के वाहनों को बिना कारण रोकने और चालान करने का भी है। जहां सीसीटीवी लगाए गए हैं वहां उनकी मॉनिटिरिंग होनी चाहिए, जहां नहीं लगे हैं वहां कैमरे लगाए जाने चाहिए, सडक़ो पर गश्त लगातार होनी चाहिए। कमिश्नर ऑफ पुलिस ने शहर के नागरिको से संवाद करने की अच्छी परंपरा शुरू की है। मगर उनको यह भी देखना होगा कि ऐसी कोई भी बैठक औपचारिकता तक ही सीमित ना रहा जाए। इस बैठक के सार्थक परिणाम सामने आने चाहिए। ताकि सभी नागरिकों को सुरक्षित, सौहार्दपूर्ण माहौल मिल सके। लोग सडक़ पर बिना किसी भय के निकल सकें। लूट, स्नैचिंग, सडक़ पर बवाल ना हो पाए, ट्रैफिक जाम ना हो, असुरक्षा की भावना ना पनपे। व्यवस्था में अगर कोई बदलाव नजर नहीं आया तो फिर ऐसी बैठकों को कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा।