पहली बार कार्यकारिणी उपाध्यक्ष बने राजीव शर्मा से खास बातचीत
प्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। कहते है कि राजनीति आंकड़ों की बाजागरी नहीं है। राजनीति में कुछ पाने के लिए पसीना बहाना पड़ता है। कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। इसके बाद ही इसमें कुछ मिलता है। ऐसी ही कहानी भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राजीव शर्मा की है। लंबी मेहनत के बाद आखिकार पहली बार पार्षद राजीव शर्मा कार्यकारिणी उपाध्यक्ष पद पर आसीन हो गए। अपने व्यवहार से अपनी छवि की इबारत लिखने वाले शर्मा को जैसे ही उपाध्यक्ष पद मिला उनके चाहने वाले ढोल नगाड़े लेकर उनका स्वागत करने नगर निगम सदन के बाहर पहुंच गए। उनका आम लोगों ने जिस अंदाज में फूल माला पहनाकर स्वागत किया यह नजारा देख महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त डॉ0 नितिन गौड़ भी गदगद हो गए।
पहले भी कई जिम्मेदारी निभा चुके है शर्मा
भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राजीव शर्मा पहली बार कार्यकारिणी उपाध्यक्ष पद पर आसीन हुए है। इस पद पर पहुंचने से पहले शर्मा बीजेपी में कई महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर चुके है। इससे पहले वह स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय सह संयोजक पद पर रह चुके हैं। भाजपा विधायक अतुल गर्ग के विधान सभा चुनाव में सहसंयोजक और महानगर में उपाध्यक्ष पद पर रहकर कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर चुके हैं।
फीजूल खर्ची ब्लॉक करना टारगेट
नवनिर्वाचित कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने अपना निगम में एजेंडा भी फिक्स कर दिया। उनका कहना है कि उपाध्यक्ष पद पर रहते महापौर सुनीता दयाल और पार्षदों के सहयोग से निगम में पैसे का दुर्पयोग बंद करना लक्ष्य है। निगम में डेढ़ करोड़ के विकास कार्य पर 15 करोड़ का बिल नहीं बनने दिया जाएगा। काम में पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश होगी। साथ ही शहर की जनता को कैसे और बहतर सुविधा मिले इस पर काम करना टारगेट होगा।