समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस संगठन में परिवर्तन का इंतजार
गाजियाबाद (युग करवट)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी 22 मई को लखनऊ में समीक्षा बैठक कर चुके हैं। समीक्षा बैठक के दौरान कांग्रेसियों को साफ संकेत मिल चुके हैं कि प्रदेश के संगठन में बदलाव की बयार बहने वाली है। यह बदलाव अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय एवं चुनावी समीकरण को ध्यान में रखकर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस बार कांग्रेस के संगठन में होने वाले बदलाव का पैटर्न अलग होगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश हाईकमान की ओर से सभी जनपदों की सूची जारी की जाएगी। सूची में बदले जाने वाले अध्यक्षों के नाम होंगे और उन जनपदों को भी शामिल किया जाएगा जहां बदलाव नहीं होना है। इस तरह से अध्यक्ष बदलने वाले जनपदों में संभावित बदलाव होगा और जहां संगठन मजबूत समझा जाएगा, वहां अध्यक्षों को सूची में रिन्यू कर दिया जाएगा। 22 मई को लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में गाजियाबाद के जिला एवं महानगर अध्यक्ष दोनों ही नहीं पहुंचे थे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि बदलाव की चपेट में गाजियाबाद भी आने जा रहा है। पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों की सूची पार्टी हाईकमान की ओर से एक साथ जारी की जाएगी। ऐसे में सूची में बदलाव के साथ-साथ नगर निकाय चुनाव में मजबूती के साथ काम करने वाले जनपदों के संगठन को पार्टी हाईकमान द्वारा रिन्यू कर क्लीन चिट दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के जनपदों में लगभग 40 से 50 प्रतिशत जिलों में बदलाव संभावित है।
गाजियाबाद में बन सकता है ब्राह्मण-मुस्लिम गठजोड़!
गाजियाबाद (युग करवट)। जनपद गाजियाबाद के कांग्रेस संगठन पर फिलहाल ओबीसी काबिज हैं। जिला कांग्रेस कमेटी और महानगर पर ओबीसी अध्यक्ष हैं तो यूथ कांग्रेस के दोनों अध्यक्ष ओबीसी समुदाय से हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बार जनपद में ब्राह्मण और मुस्लिम गठजोड़ को अमली जामा पहनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जिला या महानगर कांग्रेस कमेटी में से एक संगठन में ब्राह्मण को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। साथ ही किसी एक संगठन में मुस्लिम को अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। दरअसल, ब्राह्मण की दावेदारी जनपद में हमेशा से ही मजबूत रही है। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम मतदाताओं में संदेश देने के लिए किसी मुस्लिम नेता को पार्टी संगठन की कमान सौंप सकती है। संभावित बदलाव जल्द ही कांग्रेस में देखने को मिल सकता है।