राजनगर एक्सटेंशन की रीवर हाइट्स सोसायटी में एक बार फिर से धरना शुरू हुआ है। यहां स्ट्रीट डॉग को लेकर विवाद है। सोसायटी में रहने वाले लोगों का आरोप था कि कुछ लोग कुत्तों के लिए जहग जगह खाना डाल देते हैं इससे कुत्तों की संख्या बढ़ गई। कुत्तों ने बच्चों समेत कई लोगों पर हमला भी कर दिया था। इस मसले को लेकर रीवर हाइट्स के नागरिक और आरडब्ल्यूए ने पिछले दिनों भी धरना दिया था। तब नगर निगम ने फीडिंग जोन सुनिश्चित कर दिए थे। उसके बाद पीएफए का दखल हुआ और पुलिस ने रीवर हाइट्स में रहने वाली महिलाओं के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी, ये आरडब्ल्यूए का कहना है। इसी मामले को लेकर रीवर हाइट्स में एक बार फिर धरना शुरू कर दिया गया। बताया जाता है कि पीएफए कार्यकर्ताओं की बदसलूकी के खिलाफ भी तहरीर दी गई थी। मगर पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई कर दी।
लोग आरोप लगा रहे हैं कि मेनका गांधी के दबाव में गाजियाबाद पुलिस काम कर रही है। सवाल यह है कि राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले हजारों लोग सही हैं या पीएफए ? फिर पीएफए को इतना ही दर्द है तो रीवर हाइट्स ही क्या पूरे राजनगर एक्सटेंशन के कुत्तों को अपने संरक्षण में ले ले। उनके रहने के लिए एक केन्द्र बनाए उनको खाना पानी दे, उनकी देख रेख करे। पीएफए बच्चों की जान क्यों खतरे में डाल देेने पर उतारू है। गाजियाबाद पुलिस का यह व्यवहार सही नहीं है। एक तरफा कार्रवाई के आरोप नहीं लगने चाहिए। रीवर हाइट्स की ये लड़ाई धीरे धीरे पूरे राजनगर एक्सटेंशन की बन सकती है। यहां रीवर हाइट्स के लोगों के दर्द को पूरे क्षेत्र के लोग महसूस करने लगे हैं। क्योंकि यह समस्या सभी की है। लोग मान रहे हैं कि रीवर हाइट्स की महिलाओं के साथ गाजियाबाद पुलिस ने ज्यादती की है। पुलिस को सारे मामले पर फिर से जांच करी चाहिए।