भाजपा का महासम्पर्क अभियान, दिग्गज नेताओं ने की शिरकत
नोएडा (युग करवट)। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में हुई प्रचंड जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में आज नोएडा के सेक्टर-73 स्थित सौर्या बैंक्वेट हॉल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय संगठन की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्म पाल सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया, जनपद प्रभारी व लोक निर्माण विभाग के मंत्री कुंवर बृजेश सिंह, गााजियाबाद के सांसद व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, सोमेंद्र तोमर, संगठन मंत्री सुभाष यदुवंशी, पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, गौतमबुद्धनगर के सांसद डॉ महेश शर्मा, राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र नागर, राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, नोएडा विधायक पंकज सिंह, दादरी विधायक तेजपाल नागर, जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय भाटी, नोएडा जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता, क्षेत्रीय पदाधिकारी और पश्चिम क्षेत्र के सभी जिलों के अध्यक्ष सहित अन्य मौजूद रहे।
भाजपा नेताओं के अनुसार इस बार भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीतने का लक्ष्य रखा था। वर्ष 2019 में जिन 14 सीटों पर भाजपा जीत नहीं सकी थी, उनको जितने का भी लक्ष्य रखा गया है। राज्य की 14 सीटों में बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, नगीना सीटों पर भाजपा नहीं जीत पाई थी। इनमें 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी 3 सीटों पर सपा और रायबरेली सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव जीता था। भाजपा के नेताओं के अनुसार हारी हुई सीटों पर पार्टी ने अपनी ताकत, कमजोरी, चुनौती और खतरो का आंकलन करने के लिए 4 बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि आगामी लोकसभा में भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पदाधिकारियों को आदेशित किया है कि राजनीतिक, सामाजिक समीकरण साधने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी समूह के साथ बैठक करें, और कोर कमेटी, बूथ कमेटी से लेकर पार्टी के पदाधिकारियों और समाज के सक्रिय वर्गों से संवाद शुरू करें।