नोएडा (युग करवट)। दिल्ली के बाद अब नोएड में भी पेट्रोल की बीएस-3 और डीजल की बीएस-4 इंजन वाली गाडिय़ों को चलाने पर यातायात विभाग ने आज से रोक लगा दी है ट्रैफिक पुलिस की साथी में विभिन्न जगहों पर चेकिंग कर रही है। खबर लिखे जाने तक दर्जनो वाहनों के चालान ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए हैं। पुलिस उपायुक्त यातायात अनिल कुमार यादव ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पांच नवंबर को ग्रैप-4 लागू की गई। एनसीआर में खराब वायु गुणवत्ता के कारण आमजन के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसका बड़ा कारण वाहनों के ईंधन से होने वाला प्रदूषण है। ऐसे में अब नोएडा में भी पेट्रोल की बीएस-3 और डीजल की बीएस-4 इंजन वाली गाडिय़ों को चलाने पर रोक लगी है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्देश दिया है कि कम दूरी के लिए लोग साइकिल का उपयोग करें।
उन्होंने बताया कि नियम को लागू करने के लिए यातायात पुलिस की सात टीमे बनाई गई है। सुबह से ही यातायात पुलिस की टीमे तथा कैमरे की सहायता से इस तरह के वाहनों के चालान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में भारी वाहन नो एंट्री का पालन करते हुए जाएंगे। रेत और बालू वाले वाहन रेत और बालू को ढक कर और पानी का छिडक़ाव करके ले जाएं। स्वच्छ पर्यावरण प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए वाहन चालक प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेट रखें। वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र अनिवार्य है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में 10 वर्ष पुराने डीजल एवं 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिंबधित है। 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालित पाए जाने पर मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में सभी वाहन चालक यातायात सिग्नल पर रुकते समय अपने वाहन का इंजन साफ कर लें। सभी वाहन चालक अपने वाहनों को सार्वजनिक मार्ग पर न खड़ा कर निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा करें। छोटी दूरी तय करने के लिए साइकिल का प्रयोग करें। निजी वाहनों के बजाय आमजन अगर संभव हो तो अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें। डीसीपी ने बताया कि एनसीआर में प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पालन कराए जाने के लिए पूरी तैयारी की गई है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर कमांड कंट्रोल सेंटर में सीसीटीवी कैमरों से सतत् निगरानी करते हुए वायु प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ मोटर विभाग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।