गाजियाबाद (युग करवट)। निकाय चुनाव अभी और भी आगे बढ़ सकते हैं। एक बार फिर से निकाय विभाग की ओर से सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषद, नगर पालिका और नगर पंचायत से वर्ष 2017 में हुई जनगणना का जातिगत आरक्षण का डेटा मांगा गया। इसी डेटा के आधार पर नगर निकाय के चुनाव वर्ष 2017 में किया गया था। निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ा आयोग पहले से ही गठित है। वह एक के बाद एक जातिगत डेटा मांग रहे हैं। आयोग ने सबसे पहले वर्ष 2017 में हुए चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित वार्ड पार्षद और मेयर का डाटा मांगा था, यानि उस समय कितने वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित हुए और सामान्य वार्ड से कितने ओबीसी ने विजयी हासिल की इसकी जानकारी मांगी गई है। इसी पैटर्न पर मेयर और निकाय चेयरमैन का भी डाटा मांगा गया है। अब शासन की ओर से एक बार फिर डाटा मांगा गया है कि प्रत्येक वार्ड से वर्ष 2017 में कौन पार्षद जीते, किस वर्ग में उनका आरक्षण था और उस वार्ड में ओबीसी के कितने वोटर्स थे। राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से यह डाटा तुरंत ही तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है। यह डाटा गाजियाबाद नगर निगम, नगर पालिका परिषद लोनी, मोदीनगर, मुरादनगर, खोड़ा-मकनपुर, नगर पंचायत डासना, फरीदनगर, पतला और निवाड़ी से भी इसी पैटर्न पर आरक्षण का डाटा मांगा गया है।