प्र्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। नगर निगम कर्मचारी संघ और अधिकारियों के बीच मांगों को लेकर कई घंटे महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में वैसे तो 24 सूत्रीय मांगों पर विचार किया गया। मगर इनमें सबसे महत्वपूर्ण दो मांगे थी। जिनमें नगर निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के सरकारी मकानों का हाउस टैक्स माफ करने और दूसरी मांग थी कि जमीनों को निगम कब्जा मुक्त कराकर कर्मचारी और अधिकारियों को प्लॉट आवंटित करे। इन दोनों ही मांगों को लेकर गंभीरता से विचार किया गया।
हाउस टैक्स के मामले में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संजीव सिन्हा ने संघ अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार को बताया कि इस मामले में पहले ही निगम बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास हो चुका है। मगर इस मामले में शासन से अनुमति लेनी अनिवार्य है। इस पर संघ का कहना था कि पहले ही इस तरह की सुविधा लखनऊ नगर निगम और मुरादाबाद नगर निगम अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को दे रहा है। फिर गाजियाबाद नगर निगम इस मामले में क्यों पीछे हट रहा है।
बैठक में तय किया गया कि मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अपनी रिपोर्ट अनुमति के लिए नगर आयुक्त के पास भेजेंगे। नगर आयुक्त की अनुमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। बाकी शासन को इस मामले में सूचना दे दी जाएगी।
इसके अलावा एक और बड़ा मसला था नगर निगम के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को प्लॉट आवंटित करने को लेकर थी। दरअसल संघ की मांग है कि जो सरकारी जमीन है उस पर अतिक्रमण है। उसे हटाकर सभी कर्मचारी और अधिकारियों को नगर निगम सस्ती दर पर प्लॉट के तौर पर जमीन का आवंटन करे। इस पर तय किया गया कि इस मामले में नगर निगम विचार करेगा। और चूंकि यह मामला नीतिगत है इस कारण पहले इसे बोर्ड की बैठक में पेश किया जाएगा। इसके बाद ही इस पर अगली कार्रवाई होगी।