गाजियाबाद (युग करवट)। निगम में एक बाबू पिछले 25 वर्ष से अवर अभियंता बनकर इस्टीमेट बनाने से लेकर मेजरमेंट बुक तक पर साइन कर रहा है। इस मामले को नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने गंभीरता से लिया। उन्होंने इस प्रकरण में बाबू की विधि विभाग से पत्रावली मांगी है। अगर इस प्रकरण की जांच हुई तो इस मामले में नगर निगम के पूर्व और वर्तमान के कई अधिकारी भी फंस सकते हैं जो बाबू से अवर अभियंता का कार्य ले रहे हैं। इस प्रकरण ने तब ध्यान खींचा जब नगर निगम के उद्यान विभाग में तैनात दिनेश चंद्र शर्मा के बारे में पता चला कि वह नगर निगम में पहले द्वितीय श्रेणी लिपिक हैं और अब उनका प्रमोशन नगर निगम ने प्रथम श्रेणी लिपिक पद पर किया है। नगर निगम में ही काफी लोग मानकर चल रहे थे कि नगर निगम में जिस बाबू को अधिष्ठान विभाग की ओर से प्रमोशन दिया उस नाम का कोई बाबू नहीं है। इस नाम का केवल एक अवर अभियंता है, लेकिन बाद में पता चला कि जिसे प्रमोशन देकर प्रथम श्रेणी बाबू बनाया गया है निगम के उद्यान विभाग के अधिकारी उस बाबू दिनेश चंद्र शर्मा में अवर अभियंता का कार्य ले रहे हैं।
हालांकि श्री शर्मा का कहना है कि वह निगम में लिपिक पद पर भर्ती हैं, मगर उनके पास पॉलीटैक्निक डिप्लोमा है। इसके बाद नगर निगम में नौकरी पर रहते हुए इजाजत लेकर उन्होंने बीटैक की है। हालांकि, उनको शासन ने अवर अभियंता के पद पर कभी भी समायोजित नहीं किया है। इसके बाद भी नगर निगम में किसके आदेश से वह अवर अभियंता का कार्य देख रहे है इसका जल्दी ही खुलासा होगा। निगम सूत्रों ने बताया कि नगर निगम के अधिष्ठान विभाग से नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने दिनेश चंद्र शर्मा की पत्रावली मांगी है। इसके बाद ही पता चलेगा कि एक बाबू से अवर अभियंता का कार्य लेने का यह खेल निगम में कम से चल रहा है। माना जा रहा है कि अगर इस प्रकरण की जांच हुई तो निगम में कई अधिकारी भी इस प्रकरण में फंसेंगे।