समीक्षा बैठक से कन्नी काट गए बिजेन्द्र और लोकेश
गाजियाबाद (युग करवट)। नगर निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस प्रदेश हाईकमान ने कल यानि 22 मई को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में समीक्षा बैठक बुलाई थी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी और प्रांतीय अध्यक्ष बैठक में कांग्रेस के जिला एवं महानगर अध्यक्षों से मुखातिब हुए थे। अहम बात यह रही कि गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र यादव और महानगर अध्यक्ष लोकेश चौधरी दोनों ही समीक्षा बैठक से कन्नी काट गए। इतना ही नहीं, गाजियाबाद से जुड़े प्रदेश महासचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रदेश महासचिव बदरुद्दीन कुरैशी और प्रदेश सचिव वीर सिंह चौधरी भी समीक्षा बैठक में नजर नहीं आए। गाजियाबाद से प्रदेश सचिव नसीम खान और कामेश रतन ही बैठक में पहुंचे। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश हाईकमान की ओर से कांग्रेस के संगठन में बदलाव के साफ संकेत मिल रहे हैं। पार्टी के सूत्रों पर विश्वास करें तो समीक्षा बैठक के बाद कभी भी बदलाव की बयार कांग्रेस में बह सकती है। प्रदेश कमेटी से लेकर जिला और महानगर संगठन में अमूलचूल परिवर्तन इसी माह संभावित बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक परिवर्तन होगा, समूचे प्रदेश में होने वाले बदलाव की बयार से गाजियाबाद का संगठन भी अछूता नहीं रहेगा। गौरतलब है कि नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। चुनाव परिणाम में कांग्रेस ने क्या खोया और क्या पाया, इसकी समीक्षा के लिए कल 22 मई को लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में समीक्षा बेठक बुलाई गई थी। समीक्षा बैठक में जिला एवं महानगर अध्यक्षों एवं प्रदेश कमेटी के पदाधिकारियों को बुलाया गया था। गाजियाबाद की बात की जाए तो नगर निकाय चुनाव में यहां कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। महानगर में जहां कांग्रेस तीन पार्षदों पर ही सिमट गई थी, वहीं महापौर पद पर पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस तीसरे नंबर पर आ गई। देहात क्षेत्र में भी जिला कांग्रेस कमेटी कोई असर नहीं छोड़ पाई। मुरादनगर और मोदीनगर जैसे क्षेत्रों में पार्टी चेयरमैन पद पर प्रत्याशी तक नहीं उतार पाई। देहात क्षेत्र के लोनी में कांग्रेस का मात्र एक सभासद ही जीत पाया।
समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के लगभग 70 प्रतिशत जिला एवं महानगर अध्यक्षों ने शिरकत की। हां, गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र यादव और महानगर अध्यक्ष लोकेश चौधरी बैठक में नहीं पहुंचे। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रांतीय अध्यक्ष बैठक में इस बात से संतुष्ट नजर आए कि विधानसभा चुनाव के मुकाबले नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बेहतर हुआ। हां, वे जनपद जरूर प्रदेश हाईकमान की नजरों में खटके जहां की जवाबदेही के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला बैठक में कोई नहीं था। बैठक में मौजूद कांग्रेस के पदाधिकारियों ने खुद ही बदलाव की गुहार पार्टी हाईकमान से भी लगाई। संगठन चलाने वालों का कहना था कि बदलाव के संकेत मिलने के कारण संगठन में एक प्रकार की शिथिलता आ गई है।
ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पर बदलाव की आवश्यकता है। यह बदलाव लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय और क्षेत्रीय गणित को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। ऐसे में प्रदेश हाईकमान से भी साफ संकेत दिए हैं कि जल्द ही कांग्रेस में बदलाव का संकेत पार्टी के कार्यकर्ताओं को मिल जाएगा।