परमानेंट करने व सैलरी बढ़ाने जैसी कई मांगों को लेकर
प्रमुख अपराध संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखने में पुलिस की रीड बन चुके डायल-११२ के तीनों जोन में तैनात हजारों महिला संवाद अधिकारियों के द्वारा हड़ताल पर जाने की घोषणा के बाद जहां शासन से लेकर प्रदेश के सभी जनपदों/कमिश्नरेट सिस्टम की स्थिति नाजुक होती दिखाई देने लगी है वहीं हड़ताल का खामियाजा आमजनों को भी उठाना पड़ रहा है।
बता दे कि स्थायी नौकरी, पे स्केल में बढ़ोत्तरी और अन्य सुविधाओं को प्राप्त करने के लिये कल डायल ११२ लखनऊ जोन में तैनात संवाद अधिकारियों/महिला संविदाकर्मियों ने हड़ताल शुरू करके कंट्रोलरूम के बाहर नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। आज लखनऊ के अलावा प्रयागराज व गाजियाबाद जोन में भी डायल ११२ में तैनात संवाद अधिकारियों ने हडताल शुरू कर दी तो शासन व कमिश्नरेट सिस्टम से लेकर सूबे के सभ्ी जनपदों के कप्तानों के होश उड़ गये। जिसके बाद शासन स्तर से लेकर तीनों जोन के आला अफसरों ने हड़ताल पर जाने वाली संवाद अधिकारियों की मनुहार करके उन्हें काम पर लौटने के लिये समझाना शुरू कर दिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक हड़ताल करने वाले संवाद अधिकारियों ने अपनी सभी मांगे पूरी होने तक काम ना करने का अल्टीमेटम आला अधिकारियों को दे दिया। गाजियाबाद जोन में भी डायल ११२ में तैनात सैंकड़ों महिला संविदाकर्मियों ने न केवल हड़ताल जारी रखी बल्कि वो सभी कंट्रोलरूम के मेन गेट पर धरना प्रदर्शन भी करती रही। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसर हड़ताली संवाद अधिकारियों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। बता दें कि डायल ११२ के तीनों जोन में रोजाना ७५ हजार से लेकर ८० हजार कॉल रिसीव की जाती हैं।