कोई सगाई, तो कोई परीक्षा के नाम पर मांग रहा छूट
नगर संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। नगर निकाय चुनाव के लिए जिले में करीब १३ हजार मतदान कर्मिकों की आवश्यकता है। जिले में इतनी बड़ी संख्या में कर्मिक न होने के कारण बाहरी जिलों से भी कर्मिकों को बुलाया जा रहा है, लेकिन जिले में जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे ड्यूटी हटवाने के लिए जुगाड़ बैठाने में जुटे हैं। अपने परिचितों की चुनावी ड्यूटी हटवाने के लिए सिफारिशों के लिए अधिकारियों के फोन भी घनघनाने शुरू हो गए हैं। दूसरे जिले में तैनात एक महिला अधिकारी के पति की ड्यूटी आरओ में लगाई गई जो एक अन्य विभाग में तैनात हैं।
महिला अधिकारी की सिफारिश के चलते इन अधिकारी की ड्यूटी हटना जिला निर्वाचन आयोग के लिए टेंशन बना हुआ है, जबकि आरओ को लेकर पहले ही काफी रस्साकशी चल रही है। यही हाल अन्य तैनातियों का भी है, एक कर्मी की सगाई १० मई की है और ११ को चुनाव है, ऐसे में वह भी ड्यूटी कटवाने पहुंचा। ५० फीसदी विकलांग कर्मी की ड्यूटी भी चुनाव में लगाई गई है अब वे भी ड्यूटी हटवाने के प्रयास में जुटे हैं। चुनाव के दौरान ही यूपीएससी का एग्जाम भी हैं जिसमें बड़ी संख्या में सरकारी विभागों में तैनात कर्मिक सम्मिलित होंगे। ऐसे में उन लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है जो परीक्षा के नाम पर ड्यूटी हटवाने पहुंच रहे हैं। अब तक कर्मिक प्रभारी के पास १५ से २० आवेदन पहले दिन ही ड्यूटी हटवाने के लिए आ चुके हैं, आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ेगी। हालांकि, कर्मिक प्रभारी सीडीओ विक्रमादित्य सिंह मलिक का कहना है कि ड्यूटी हटवाने के लिए कारणों को परखा जाएगा और बेहद जरूरी हालात में ही ड्यूटी हटाई जाएगी। दिव्यांग या गंभीर रूप से बीमार को भी बोर्ड द्वारा अनुमति के बाद ही छूट मिल सकती है।