युग करवट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में रामचरित मानस का मुद्दा गरमाया हुआ है, इस मुद्दे पर जहां भाजपा और सपा आमने सामने हैं तो वहीं मायावती इसको लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों पर प्रहार करने का मौका नहीं छोड़ रही हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज लखनऊ गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर दिया। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है जिसमें बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है। अत: इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे। साथ ही लखनऊ गेस्ट हाउस कांड को याद करते मायावती ने कहा हुए कहा कि सपा प्रमुख द्वारा इनकी वकालत करने से पहले उन्हें लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस के 2 जून सन् 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में जरूर झांककर देखना चाहिए, जब सीएम बनने जा रही एक दलित की बेटी पर सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था।