गाजियाबाद में आखिर किस जनप्रतिनिधि की चलेगी? यहां का पुलिस विभाग किस सांसद की बात सुनेगा? या फिर गाजियाबाद के चुने गए सांसद यहां की जनता के दर्द को समझने का प्रयास ही नहीं कर रहे हैं और दूर दराज की सांसद अपने लोगों को बचाने के लिए गाजियाबाद पुलिस पर दबाव बनाए हुए हैं? यह सवाल राजनगर एक्सटेंशन में रह रहा हर आदमी पूछ रहा है। हैदराबाद की घटना को देखकर हर आदमी सहमा हुआ है। वहां एक मासूम बच्चे को कुत्तों ने नोंच नोंच कर मार डाला। गाजियाबाद में भी कुत्तों के आतंक की कई घटनाएं हो चुकी हैं। राजनगर एक्सटेंशन तो इसके लिए कुख्यात हो चुका है। रीवर हाइट्स के नागरिक कुत्तों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। रीवर हाइट्स में रहने वाली कुछ महिलाओं के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। लोगों का आरोप है कि गाजियाबाद पुलिस ने मेनका गांधी के दबाव में यह कार्रवाई की है जबकि असली दोषी पीएफए के पदाधिकारी थे जिनको क्लीन चिट दे दी गई। मेनका गांधी सुल्तानपुर से भाजपा की सांसद हैं। गाजियाबाद के सांसद रिटायर्ड जनरल वीके सिंह हैं। वीके सिंह केन्द्र में मंत्री भी हैं। फिर कैसे वीके सिंह के संसदीय क्षेत्र में मेनका गांधी ने हस्तक्षेप करके महिलाओं पर रिपोर्ट दर्ज करा दी, जैसा कि लोग आरोप लगा रहे हैं। इस घटना के राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले हजारों लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह हजारों लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि जिन वीके सिंह को वोट दिया वह इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, और कैसे सैंकडो किमी दूर की सांसद गाजियाबाद में अपनी चला पा रही हैं। हम कुत्तों को खाना देने वालो के खिलाफ नहीं है, लेकिन बच्चों की जान जाखिम में तो नहीं डाली जा सकती। क्या पीएफए हैदराबाद के उन मां-बाप को उनका बच्चा लौटा सकती है? क्या पीएफए गारंटी ले सकती है कि सड़क पर मौजूद कोई कुत्ता किसी आदमी या बच्चे पर हमला नहीं करेगा? अगर राजनगर एक्सटेंशन के लोग स्ट्रीट डॉग से छुटकारा चाहते हैं उसके लिए व्यवस्था चाहते हैं, खाना डालने के स्थान निश्चित करना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है? आखिर तथाकथित डॉग लवर कहीं भी खाना डालने की जिद पर क्यों हैं? ऐसे लोग क्यों चाहते हैं कि कुत्तों को सोसायटी के अंदर ही खाना देना चाहिए? बाहर खाना खिलाने में क्या परेशानी है? मगर यह उनकी जिद है, और शायद उनकी जिद के आगे गाजियाबाद पुलिस नतमस्तक है। अपने क्षेत्र के हजारों नागरिको की आवाज वीके सिंह को सुननी चाहिए। वीके सिंह को बताना चाहिए कि आखिर गाजियाबाद में उनकी चलेगी या मेनका गांधी की? पुलिस की एकतरफा कार्रवाई बंद होनी चाहिए। नगर निगम को सभी सोसायटी के बाहर ही कुत्तों को खाना देने की व्यवस्था करनी चाहिए और जो लोग इस व्यवस्था को तोड़ें उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जनता अपने सांसद से सवाल कर रही है और उसका जवाब चाहती है तो क्या गलत है।