प्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। हाल ही में हुए नगर निगम के चुनाव को लेकर कई पार्षद परेशान हैं। अभी तक 26 ऐसे वार्ड हैं जहां के प्रत्याशी विजयी पार्षदों के खिलाफ चुनाव परिणाम को लेकर कोर्ट में जा चुके है। वाद दायर करने वालों ने किसी विजयी पार्षद पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने तो किसी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लडऩे का आरोप लगाया है। इसको लेकर नगर निगम प्रशासन को एक रिपोर्ट निर्वाचन विभाग की ओर से जारी की गई है। इस रिपोर्ट में वार्ड की सूची भेजी गई है। जिसमें निर्वाचन विभाग की ओर से नगर निगम प्रशासन से कहा गया है कि वह संबंधित वार्ड के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले पार्षद को सूचित करे कि वह कोर्ट में होने वाली सुनवाई में जाए और अपना पक्ष रखे। नगर निगम के विधि विभाग का कहना है कि वार्ड नंबर 26 को लेकर जो विवाद आया है इस मामले में नगर निगम प्रशासन को भी अपना पक्ष कोर्ट में रखने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि इस वार्ड के विजयी पार्षद के जाति प्रमाण पत्र को कोर्ट में केस दायर कर फर्जी बताया गया है। इस मामले में नगर निगम प्रशासन ने कोर्ट में दायर केस के आधार पर तहसील विभाग से जारी जाति प्रमाण पत्र को लेकर जांच शुरू हो गई है। नगर निगम की ओर से तहसीलदार सदर को एक पत्र भेजकर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में जल्दी ही सुनवाई होगी।
एक पार्षद का जाति प्रमाण पत्र फर्जी! जांच शुरू
गाजियाबाद (युग करवट)। नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी रहे एक व्यक्ति ने एक पत्र नगर निगम को दिया है। जिसमें दावा किया कि चुनाव जीतने वाले पार्षद ने नामांकन के दौरान जो जाति प्रमाण पत्र जमा कराया था वह पूरी तरह से फर्जी है। यह जाति प्रमाण पत्र सदर तहसील से बनाया गया था। इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया। प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। इसकी पुष्टिï निगम के अधिकारी कर रहे है मगर मामला कोर्ट में होने के कारण वह इस प्रकरण में बोलने को तैयार नहीं है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि मामला काफी गंभीर है इस कारण जिला प्रशासन की ओर से जांच बैठाई गई है।