प्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद(युग करवट)। बीजेपी की ओर से करीब दस वर्ष पहले शहर में टीएचए के लिए गंगाजल सप्लाई के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। इस अभियान की अगुवाई करने में बीजेपी के मौजूदा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की अहम भूमिका थी। इसके बाद आनन फानन में एक प्रस्ताव तैयार किया गया, जिस पर करीब 990 करोड़ रुपये खर्च होने का तैयार किया गया।
यह प्रस्ताव जल निगम से नगर निगम ने तैयार कराकर भेजा, जिसे यूपी सरकार ने निरस्त कर दिया। उस समय प्रदेश में सरकार सपा की थी। तब बीजेपी की ओर से इस मामले में समाजवादी पार्टी की सरकार को निशाने पर लिया गया, लेकिन अब चूंकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो गंगाजल सप्लाई की मांग दबा दी गई है। हालांकि अब शहर को गंगाजल की अधिक जरूरत है। जीडीए के तत्कालीन वीसी संतोष कुमार यादव ने भी वर्ष 2014 में शहर में गंगाजल सप्लाई का एक प्लान तैयार किया था। प्लान था कि गंगाजल की सप्लाई जीडीए की मधुबन-बापूधाम कॉलोनी और राजनगर एक्सटेंशन कॉलोनी में की जाएगी। इसके अलावा कोयल एन्क्लेव में एक और तीसरा प्लांट बनाने का प्रस्ताव था। वहां से पानी को साफ कर मोहननगर जोन एरिया में सप्लाई करने का प्लान था, लेकिन यह प्लान भी ठंड़े बस्ते में चला गया।
अब बीजेपी भी सत्ता में आते ही शहर में गंगाजल सप्लाई का प्लान भूल गई है। वैसे गाजियाबाद में एक और नया गंगाजल सप्लाई के लिए प्लांट बनाने का कार्य चल रहा है। नए प्लांट की क्षमता करीब 50 क्यूसेक है। इस प्लंाट में भी जल निगम ने नगर निगम से कहा था कि वह इसमें अपने शेयर डाले और उन्हें भी शेयर के हिसाब से पानी मिल सकता है, लेकिन नगर निगम ने पैसा नहीं होने का हवाला देकर इस में हिस्सा लेने से मना कर दिया। अब देखना है कि शहर में गंगाजल सप्लाई कब तक होगी।