गाजियाबाद (युग करवट)। ‘नगर निगम चुनाव में बस चार दिन रह गये है, लेकिन बसपा मेयर प्रत्याशी निसारा खान का चुनाव प्रसार अभी भी बहुत ही फीका दिखाई दे रहा है।’ यह चर्चा उन मायूस कार्यकर्ताओं में चल रही है जो पार्टी सुप्रीमों मायावती के आदेश का पालन करते हुए चुनाव प्रचार में तेजी तो लाने की इच्छा रखते हैं, लेकिन ना तो उनकी पूछ हो रही है और ना ही उनकी सुनवाई ही हो रही है। कार्यकर्ताओं के अनुसार बसपा मेयर प्रत्याशी निसारा खान की बात तो छोडिय़े, उनके पति हाजी अय्यूब इदरीसी और उनके परिजन भी उनके न तो फोन उठा रहे हैं और ना ही उन्हें किसी प्रोग्राम से ही अवगत करवा रहे हैं। चुनाव के अंतिम दौर में भी बसपा मेयर प्रत्याशी का चुनाव प्रचार कितना कमजोर है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि ऐसा पहला मौका है जब बसपा उनके मुख्य कार्यालय पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दे रहा है। बसपा कैडर के वोटरों में भी अब यह चर्चा होने लगी है कि ऐसे प्रत्याशी को वोट देने से अच्छा तो यह होगा कि वो अपना वोट नोटा को दे दें।बसपा के कार्यकर्ता तो यह कहते भी दिखाई देने लगे हैं कि ‘गवाह चुस्त मुदï्दई सुस्त।’ अगर हालात ऐसे ही रहे तो यह भी हो सकता है मेयर प्रत्याशी एवं उनके पति सहित अन्य परिजनों की बेरुखी एवं उदासीनता के चलते उनके समाज के वोट ही कहीं दूसरी की ओर ना खिसक जाये।