लखनऊ। कारतूस घोटाले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है। इनमें 20 पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के जवान हैं ,जबकि चार सिविलियन शामिल हैं। कारतूस घोटाले में एसटीएफ में 29 अप्रैल 2010 को धरपकड़ शुरू की थी। इस मामले में 24 लोगों को अदालत ने गुरुवार को दोषी करार दे दिया था।
सभी जवान आर्मरर हैं और उनकी ड्यूटी शस्त्रागार में रहती है। इन पर आरोप है कि सरकारी कारतूस, मैगजीन, खोखा और हथियारों के पुर्जे अवैध रूप से बचने के लिए चोरी किए गए, जो इनके कब्जे से बरामद हुए। नक्सलियों को भी सप्लाई करने का आरोप लगा।
इन्हें जब अदालत ले जाया जा रहा था तब खुद को निर्दोष बता रहे थे। साथी आरोप लगा रहे थे कि उन्हें फंसा दिया गया, लेकिन इतने बड़े मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।