पुलिस कस्टडी में एक और अभियुक्त का दुस्साहस हुआ उजागर
प्रमुख अपराध संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। इसे गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस की कमजोरी कहें या फिर कहें बदमाशों अथवा अभियुकतों का दुस्साहस, इसके पीछे की असलियत का पता तो पुलिस अथवा दुस्साहस दिखाने वाले बदमाशों को ही होगा। लेकिन एक बात जो आईने की तरह साफ दिखाई दे रही है कि वह है बदमाशों के द्वारा आये दिन दुस्साहपूर्ण घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती देकर उसकी किरकिरी करना। अभी हाल ही में दो ऐसी घटनाऐं घटी कि जिनमें महिला अपराध करने वाले दो अभियुकतों ने पुलिस कस्टड़ी में रहते हुए भी दरोगा व दीवान की पिस्टल छीनकर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की।
गनिमत यह रही कि पुलिस ने भाग रहे दोनों अभियुक्तों को गोली मारकर न केवल उन्हें लंगड़ा कर दिया बल्कि उनके पास से लूटी गई पिस्टल भी बरामद कर ली। बता दें कि गत सप्ताह अभियुक्त के दुस्साहस की पहली घटना उस समय घटी कि जब मोदीनगर कोतवाली पुलिस की कस्टड़ी में मौजूद छात्रा के ऊपर तलवार से हमला करने वाले शौकीन नामक अभियुक्त ने दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास कि वहीं शनिवार/रविवार की रात भी घंटाघर कोतवाली के मौहल्ला कैला भटï्टा में अपनी चचेरी बहन की आबेध पुत्री के साथ अश्लील हरकत और उसकी हत्या करने वाले इमरान नामक अभियुक्त ने भी दीवान की पिस्टल छीनकर पुलिस टीम पर ही गोली चलानी शुरू कर दी। इन दोनों ही मामलों में पुलिस ने शौकीन व इमरान को लंगड़ा करके जेल भेज दिया।