लखनऊ (युग करवट)। यूपी विधानसभा में बुधवार को सरकार विपक्ष के साथ ही अपने विधायकों से भी घिर जाती। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की सूझबूझ से मामला संभल गया। दरअसल, सपा विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने विधायक निधि से 18 फीसदी जीएसटी कटौती का मुद्दा उठाया। कहा, पांच करोड़ में से प्रति वर्ष 90 लाख रुपये जीएसटी कटेगी तो पांच वर्ष में साढ़े चार करोड़ रुपये जीएसटी अदा करने में ही चले जाएंगे। सरकार को विधायक निधि से जीएसटी को खत्म करना चाहिए। इसी बीच प्रयागराज उत्तर से भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने खड़े होकर कहा कि इस मुद्दे का भाजपा विधायक भी समर्थन करते हैं। हर्षवर्धन के समर्थन में भाजपा विधायक आवाज उठाते इससे पहले ही सतीश महाना ने तल्ख अंदाज में हर्षवर्धन को बैठने को कहा। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक रामनरेश अग्निहोत्री को बुलाकर विधायकों को शांत रहने के लिए निर्देशित करने को कहा। महाना और खन्ना की नाराजगी भांपते हुए भाजपा विधायक शांत हो गए। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विधायक निधि पर जीएसटी सभी की सहमति से निर्धारित हुई है। जीएसटी विधायक निधि पर नहीं, बल्कि विधायक निधि से होने वाले कार्यों पर हैं। जीएसटी काउंसिल की बैठक में समय समय पर विषय रखे जाते हैं। इसका निर्णय यूपी सरकार के स्तर से नहीं हो सकता है।