नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति में लिए गए फैसलों को सुनाते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज नई मौद्रिक नीति का एलान किया। 8 से 10 अगस्त तक चले एमपीसी की बैठक में एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया। यह लगातार तीसरी बार है जब एमपीसी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले अप्रैल और जून में हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखा गया था। आज एक बार फिर से गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि फिलहाल रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रहेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
घरेलू आर्थिक गतिविधि लचीलापन बनाए रख रही है। आरबीआई गवर्नर ने टमाटर सहित सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2024 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है जो पहले 5.1 प्रतिशत थी। गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 2023-24 के लिए 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जोखिमों को समान रूप से संतुलित करते हुए, दूसरी तिमाही के लिए सीपीआई 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया है। वहीं वित्त वर्ष 25 के लिए पहली तिमाही यानी 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हेडलाइन सीपीआई मुद्रास्फीति मई में 4.3 प्रतिशत से बढक़र जून में 4.8 प्रतिशत हो गई जिसका कारण सब्जियों, अंडे, मांस, मछली, अनाज, दालों और मसालों की कीमतों में आई तेजी है।