गाजियाबाद (युग करवट)। आरआरटीएस के प्रथम रूट पर जल्दी ही ट्रेन दौडऩे जा रही है। इसके लिए तैयारी तेजी के साथ चल रही है, वहीं दूसरी ओर आरआरटीएस ने एक बार फिर से नगर निगम को पत्र लिखा है। आरआरटीएस का कहना है कि उन्हें जो करीब 15 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी, उसकी रजिस्ट्री उसके नाम की जाए। आरआरटीएस पहले ही 99 रुपये नगर निगम को अदा कर चुका है। यह जमीन आरआरटीएस को 99 वर्ष के पट्टे पर दी जा रही है।
इस का किराया प्रति वर्ष एक रुपये की दर से नगर निगम आरआरटीएस से लेने जा रहा है। इस को लेकर पहले ही एक शासनादेश जारी किया जा चुका है। हाल ही में आरआरटीएस की ओर से दूसरी बार इस बारे में पत्र मिला है। नगर निगम प्रशासन की ओर से इस मामले में यूपी सरकार से अनुमति मांगी गई है। माना जा रहा है कि जल्दी ही इस बारे में यूपी सरकार से अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगा। आरआरटीएस के पास नगर निगम की इसके अलावा करीब 85 हजार वर्ग मीटर जमीन है। इस जमीन का किराया भी आरआरटीएस ने जमा करा दिया है। नगर निगम की इस जमीन का आरआरटीएस को अस्थाई तौर पर आवंटन किया है। इस जमीन पर आरआरटीएस हाईस्पीड टे्रेन का प्रोजेक्ट के सामान को स्टोर कर रहा है। अगले तीन वर्ष और इस जमीन पर आरआरटीएस का कब्जा रहेगा।