प्रमुख अपराध संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। बीती रात जनपद न्यायालय में उस समय भय का माहौल व्याप्त हो गया जब वहां विधिक कार्य करने वाले अधिवक्ता एवं बाबू को तेंदुए की झलक दिखाई दी। फिर क्या था कोर्ट परिसर में तेंदुए होने की सूचना आग की तरह फैल गई। उसके बाद पुलिस टीम भी न्यायालय परिसर में पहुंचकर सर्च अभियान में जुट गई। इस सर्च अभियान के दौरान जहां विधिक कार्य करने वाले न्यायायिक अधिकारियों, बाबूओं व अधिवक्ताओं के चैंबर व कार्यालय बंद करवा दिये गए, वहीं गाजियाबाद वन्य विभाग की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। इस सर्च अभियान के संदर्भ में डीसीपी सिटी जोन निपुण अग्रवाल ने बताया कि आधी रात के बाद तक तेंदुए की तलाश में कोर्ट परिसर के चप्पे-चप्पे को छाना गया। काफी मशक्कत के बाद भी तेंदुआ नहीं मिला। श्री अग्रवाल ने बताया कि जनपद न्यायाधीश के आदेश के बाद कोर्ट परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गईं जिसमें तेंदुए जैसा एक जीव न्यायालय परिसर में स्थित हवालात के पास दिखाई दिया। श्री अग्रवाल ने बताया कि इसके बाद तेंदुए को खोजने के लिये एक बार फिर से सर्च अभियान शुरू कर दिया गया, लेकिन तेंदुआ नहीं मिला। श्री अग्रवाल ने बताया कि आज सुबह एक बार फिर से सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में तेंदुआ दो स्थानों पर दिखाई दिया। इस सूचना के मिलते ही एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव, एसएचओ अमित सिंह काकरान पूरे ताम-झाम के साथ कोर्ट पहुंच गये। श्री अग्रवाल ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये जहां कोर्ट परिसर को खाली करवाया जा रहा है, वहीं तेंदुआ पकडऩे के लिये मेरठ रेंज की वन्य विभाग की टीम को भी कॉल कर दी गई है। बता दें कि समाचार लिखे जाने तक तेंदुआ तो नहीं मिला था, लेकिन उसकी खोज में सर्च अभियान जारी था। उधर, तेंदुआ होने की सूचना के बाद जिला मुख्यालय व न्यायालय तक जहां अफरा-तफरी व भय को माहौल दिखाई दिया। इसके अलावा आरडीसी से लेकर राजनगर व कविनगर सहित कई कॉलोनियों में भी तेंदुए का खौफ साफ-साफ दिखाई दिया।
बार एसेासिएशन ने किया हड़ताल का ऐलान
‘तेंदुआ दिखाई देने के बाद गाजियाबाद कोर्ट में विधिक कार्य करने वाले न्यायिक अधिकारियों/कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के अलावा वादकारियों व बंदियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए बार एसोसिएशन ने उस समय तक विधिक कार्यों से विरक्त रहने का फैसला किया है कि जब तक तेंदुआ नहीं पकड़ा जाता।’ यह कहना है बार एसोसिएशन के सचिव नितिन यादव का। श्री यादव ने कहा कि बार एसो. ना तो किसी की जान का जोखिम उठाना चाहती है और ना ही यह चाहती है कि कोर्ट परिसर में कुछ दिनों पूर्व घटी घटना की पुर्नावृत्ति हो।
जितने मुंह उतनी बातें
तेंदुआ दिखाई देने की सूचना के बाद चर्चा का बाजार गर्म हो गया। चर्चाओं में जितने मुंह उतनी बाते भी सुनाई दीं। किसी ने कहा ‘जिला मुख्यालय में था तेंदुआ’ तो किसी ने कहा कि ‘कोर्ट परिसर में हवालात, सभागार और न्यायाधीशों के लिये बनाई गई पार्किंग व लोन में तेंदुआ चहलकदमी कर रहा था।’ किसी ने बताया कि ‘मादा के साथ दो बच्चे हैं’ तो किसी ने कहा कि ‘ये उस तेंदुए का भाई, बहन अथवा साथी है जिसका कुछ दिन पहले कोर्ट परिसर से रेस्क्यू किया गया था।’ चर्चा में लोग यह भी कहते दिखाई दिये कि सबसे पहले किसने देखा तेंदुआ। किसी ने कहा कि अधिवक्ता ने, कोई बोला कि बाबू ने, किसी ने कहा कि नाजिर ने, तो कोई बोला चपरासी ने और कुछ ने कहा कि सफाई कर्मचारी ने सबसे पहले तेंदुए की झलक देखी। पुलिस प्रशासन ने एहतियातन कोर्ट परिसर खाली करवाने की बात कही, लेकिन कोर्ट की इमारत के पास सैकड़ों अधिवक्ता व अन्य लोग तरह-तरह की चर्चा करते दिखाई दिये।