गाजियाबाद (युग करवट)। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने बहुजन समाज के सशक्तिकरण की मांग करते हुए डीएम के माध्यम से राष्‍ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जातिगत जनगणना कराने की मांग की गई। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए संविधान के अनुच्छेद ३४० में स्पष्ट प्रावधान किया था। इस आधार पर १९५३ में आयोग बना जिसकी रिपोर्ट १९५५ में आई, लेकिन इसकी सिफारिशें लागू नहीं हो सकी है। १९७८ में बीपी मंडल की अध्यक्षता में पिछड़े वर्ग की पहचान के लिए नए आयोग का गठन किया गया। इस आयोग ने अपने रिपोर्ट १९८० में सौंप दी, लेकिन एक दशक बाद भी इन रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। इसके कारण अति पिछड़ी जातियों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में भागीदारी न के बराबर है। २०१९ मे लोकसभा चुनाव के दौरान जातिगत जनगणना कराने का वायदा किया गया था, लेकिन अब केन्द्र सरकार ने इसे २०२३ तक टाल दिया था। कार्यकर्ताओं ने कहा इसी कारण देश के ९५ फीसदी संसाधनों पर १० फीसदी का कब्जा है। ऐसे में जातिगत गणना करा पिछड़ों को उनका हक दिलाया जाए। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्रर सिंह, अशोक सम्राट, बबलू सिंह प्रजापति, मनोज जाटव, सबीना, जरीना, हरेन्द्र सागर, वाल्मीकि, सोनू जाटव, लालसिंह, शैलजा आदि मौजूद रहे।