गाजियाबाद (युग करवट)। म्यूटेंशन को लेकर बड़ी संख्या में ऐसे आवंटी फंस गए हैं जिन्होंने मकान में जीडीए से पास हुए नक्शे से अधिक का निर्माण किया है। प्रॉपर्टी विभाग में इसी के चलते ही बड़ी संख्या में म्यूटेंशन फंस गए हैं। म्यूटेंशन को लेकर ऐसी समस्या पहले कभी नहीं रही। पहले किसी भी आवंटी द्वारा जैसे ही रजिस्ट्री का निस्पादन कर लिया जाता था इसके तुरंत बाद ही म्यूटेंशन आसानी से हो जाता था। इसके लिए जीडीए का प्रॉपर्टी विभाग किसी भी तरह की मौके की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई नहीं करता था, मगर अब ऐसा नहीं है। जो भी म्यूटेंशन की पत्रावली जीडीए में चलती है उस पत्रावली के आधार पर प्रवर्तन विभाग द्वारा मौके पर निर्माण की जांच की जाती है। प्रवर्तन विभाग की रिपोर्ट लगने के बाद पत्रावली जीडीए के प्रॉपर्टी विभाग को भेजी जाती है। अगर, रिपोर्ट में यह बताया गया कि मौके पर जीडीए से पास नक्शे के हिसाब से अधिक निर्माण है तो म्यूटेंशन की कार्रवाई रुक जाती है। पहले जीडीए का प्रॉपर्टी विभाग सीधे ही आवेदन के आधार पर म्यूटेंशन जारी कर देता था। अब जीडीए में बदले इस नियम से लोग परेशान हैं और उनके म्यूटेंशन की काईवाई रुकती जा रही है। इससे जीडीए की इनकम भी प्रभावित हो रही है।