प्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। हाल ही में यूपी सरकार ने अवस्थापना निधि का कुछ पैसा नगर निकायों को रिलीज किया है। गाजियाबाद नगर निगम को भी करीब 33 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। उम्मीद है कि और पैसा भी मिल सकता है। मगर माना जा रहा है कि 28 को अवस्थापना निधि प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई के कारण ही यह पैसा सरकार ने दिया था। सरकार को लग रहा था कि अगर सुनवाई से पहले पैसा रिलीज नहीं किया तो हो सकता है कि यूपी सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट फैसला सुना दे। कल यूपी सरकार में अवस्थापना निधि को लेकर सुनवाई भी हुई। सुनवाई के दौरान पता चला कि कई और नगर निकायों की ओर से तीन जनहित याचिका डाली गई है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इन नई जनहित याचिका का जिक्र किया है। इस सुनवाई के शामिल होने के लिए नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा गए हुए थे। उम्मीद थी कि अवस्थापना निधि का पूरा पैसा सुनवाई से पहले ही मिल जाएगा। मगर, इस दौरान हाईकोर्ट ने इस प्रकरण पर सुनवाई के लिए तारीख और आगे बढ़ा दी। सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण कई नगर निकायों को भी झटका लगा है। दरअसल कई निकायों के अधिकारियों को उम्मीद थी कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई में सरकार को अवस्थापना निधि का पैसा रिलीज करने के लिए कहा जाएगा, लेकिन सुनवाई के आगे टल जाने के कारण नगर निगम के लिए और परेशानी है। नगर निगम गाजियाबाद का अभी भी करीब साढ़े पांच करोड़ रुपया अवस्थापना निधि रिलीज नहीं कर रही है।