प्रमुख संवाददाता
गाजियाबाद (युग करवट)। नगर निगम के चुनाव को लेकर अभी स्थिति स्पष्टï नहीं है। वहीं दूसरी और आयोग की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग की डिटेल रिपोर्ट मांगी है। इसी के चलते आयोग की ओर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र लिखा गया है जिसमें उन्होंने जनपद मे अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराकर उसकी डिटेल भेजने के लिए कहा है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग और सचिव रश्मि सिंह की ओर से पत्र भेजा गया है जिसकी पुष्टि एडीएम प्रशासन रितु सुहास ने भी की है। यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ा आयोग गठित है। आयोग का गठन हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद किया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि नगर निकाय चुनाव से पहले पिछड़ा वर्ग का रैपिड सर्वे होना चाहिए था। क्योंकि, वह सर्वे नहीं हुआ है इसलिए पिछड़ा वर्ग को निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होने वाली सीट को सामान्य घोषित कराकर निकाय चुनाव कराए जाए। हालांकि बाद में प्रकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट के तुरंत चुनाव कराने और पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण नहीं देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद ही यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ा आयोग का गठन किया है। इस मामले में पहले ही पिछड़ा आयोग सभी प्रदेश के नगर निकायों से पिछड़ा वर्ग आरक्षण की पूर्व में हुई व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए पूरा डाटा ले चुका है। अब उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने जिस तरह से प्रदेश के सभी डीएम को पत्र लिखकर अन्य पिछड़ा वर्ग की गणना कराने के लिए कहा है इससे लगता है कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर अभी आयोग किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा है। वहीं दूसरी ओर इस मामले में 11 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि यूपी सरकार की ओर से गठित राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अपना निष्कर्ष यूपी सरकार को रिपोर्ट भेजकर सुनाएगा। सब की नजर अब पिछड़ा वर्ग आयोग के संभावित फैसले पर टिकी है, उम्मीद है कि जल्दी ही स्थिति स्पष्टï हो जाएगी।